सीमांत की समस्याओं को लेकर विधायक हरीश धामी ने शुरू की 111 किलोमीटर की पदयात्रा
पिथौरागढ़ में विकास प्राधिकरण के विरोध आदि कैलास और ऊं पर्वत को आठवां धाम घोषित करने आदि समस्याओं को लेकर विधायक हरीश धामी ने पदयात्रा शुरू कर दी है।
मदकोट, जेएनएन: विकास प्राधिकरण के विरोध, आदि कैलास और ऊं पर्वत को आठवां धाम घोषित करने, सीमांत को संचार सेवा से जोड़ने तथा कांग्रेस शासनकाल में स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ करने की मांग को लेकर जिले में अब तक की सबसे लंबी 111 किमी की पद यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। यात्रा पहले दिन 39 किमी पैदल चलने के बाद गोरीछाल के बलमरा पहुंची है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दूर दराज से बर्फीले रास्तों को पार कर कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों का मदकोट पहुंचने का सिलसिला जारी हो गया था। तल्ला जोहार के कार्यकर्ता बिर्थी से मुनस्यारी तक 38 किमी बर्फ में चलते हुए मदकोट पहुंचे। पूर्वांह्न 11 बजे तक मदकोट में लगभग तीन सौ लोग पहुंच गए। 11 बजे मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए विधायक हरीश धामी ने कहा कि प्रदेश की सरकार सीमांत के प्रति सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार को जगाने के लिए नेपाल और चीन सीमा से लगे इस क्षेत्र में अब तक की सबसे लंबी पद यात्रा का निर्णय लिया गया है। यहां पर महिलाओं द्वारा पदयात्रियों का तिलक लगाकर अभिनंदन किया।
इस मौके पर लोक वाद्ययंत्र तुतुरी बजाकर यात्रा को रवाना किया गया। यात्रा में पूर्व ब्लॉक प्रमुख नरेंद्र रावत, चरण मेहता, हीरा सिंह चिराल, जगत वृथ्वाल लक्ष्मण महर, प्रह्लाद राम, देब राम सहित युवा पदयात्री शामिल रहे।
पदयात्रा का देवीबगड़, सेरा, उमरगड़ा, बंगापानी, छोरीबगड़, लुम्ती, बरम, तोली और बलमरा में जोरदार स्वागत किया गया। यात्रा में लोग शामिल होते गए और कारवां बढ़ता गया। यात्रा रविवार को बलमरा में प्रवास करेगी। सोमवार की सुबह पद यात्रा बलमरा से जौलजीबी, बगड़ीहाट, बैड़ा, अस्कोट होते हुए ओगला पहुंचेगी। दूसरे दिन पद यात्री 32 किमी चलेंगे। मंगलवार को यात्रा ओगला से 39 किमी पैदल चल कर पिथौरागढ़ के निकट जाजरदेवल पहुंचेगी। अगले दिन जाजरदेवल से पांच किमी दूर पिथौरागढ़ तक विशाल जुलूस निकलेगा। पद यात्रा कलक्ट्रेट पहुंचेगी। ========== जिले में अब तक की सबसे लंबी पद यात्रा मदकोट से पिथौरागढ़ तक निकली पदयात्रा अब तक की सबसे लंबी पैदल यात्रा है। कड़ाके की ठंड में युवा कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ नारेबाजी करते हुए चल रहे हैं। पहले दिन गोरी नदी घाटी पद यात्रियों के नारों से गुंजायमान रही । ========= सरकार की उपेक्षा को लेकर यह यात्रा निकालनी पड़ी है। पद यात्रा के माध्यम से चीन और नेपाल सीमा पर रहने वाले लोगों के दर्द से प्रदेश और केंद्र सरकार को अवगत कराना है। सीमा छोर पर रहने वालों के साथ पक्षपात किया जा रहा है। आज भी संचार से क्षेत्र वंचित है। ऊपर से विकास प्राधिकरण जैसा काला कानून लाकर लोगों को परेशान किया गया है। इस संघर्ष को मुकाम तक पहुंचा कर ही दम लिया जाएगा।
- हरीश धामी, विधायक, धारचूला
ओपी अवस्थी