आइटीबीपी जवानों ने खुद बनाई अस्सी मीटर सड़क
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: दो जुलाई को मुनस्यारी में बादल फटने से आई तबाही से मुनस्यारी बाजार से आइ
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: दो जुलाई को मुनस्यारी में बादल फटने से आई तबाही से मुनस्यारी बाजार से आइटीबीपी कैंप से लेकर हरकोट जाने वाला मार्ग ध्वस्त हो गया था। मार्ग बंद होने से आइटीबीपी के वाहन फंसे हुए थे। ढाई माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी प्रशासन, विभाग और आपदा प्रबंधन को इस मार्ग को खोलने की सुध नहीं आई। इधर आइटीबीपी जवानों ने ध्वस्त अस्सी मीटर मार्ग खुद तैयार किया। जब जाकर ढाई माह से फंसे वाहन निकल सके हैं।
मुनस्यारी स्थित आइटीबीपी चौकी महत्वपूर्ण चौकी है। इसी चौकी से तिब्बत चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकियों के लिए खाद्यान्न से लेकर केरोसिन तेल व अन्य सामान की आपूर्ति की जाती है। चौकी से जहां तक सड़क मार्ग है वहां तक बल के वाहन सामान पहुंचाते हैं इससे आगे फिर पोर्ट्स सामान लेकर जाते हैं। दो जुलाई की आपदा से मार्ग बुरी तरह ध्वस्त हो गया था। मार्ग ध्वस्त होने से बल के वाहन फंसे थे। इससे आगे हरकोट तक वाहनों का संचालन ठप था। इस संबंध में बल सहित स्थानीय लोगों द्वारा समस्या को देखते ह़ुए मार्ग खोलने की मांग की जा रही थी परंतु प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई।
प्रशासन और लोनिवि की उदासीनता को देखते हुए खुद जवानों ने मार्ग खोलने का बीड़ा उठाया। जिसमें आइटीबीपी का सामान अग्रिम चौकियों तक पहुंचाने वाले ठेकेदार कुंदन सिंह पांगती ने सहयोग दिया। चौकी प्रभारी शेर सिंह के निर्देशन पर जवानों ने मुनस्यारी से चौकी तक अस्सी मीटर सड़क के अलावा इससे आगे एक किमी तक नए सिरे से मार्ग निर्माण कर दिया। मार्ग बनने के बाद फंसे वाहन निकल सके हैं। इधर चर्चा है कि आने वाले दिनों में जब आपदा राहत के कार्य चलेंगे तो विभाग इस मार्ग को खोलने के लिए किस मद के फर्जी कागज पेश करेगा। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क है।