पिथौरागढ़ में अवकाश के दिन भी आंदोलन पर डटे रहे ग्रामीण
गंगोलीहाट के मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण रविवार को अवकाश के दिन भी आंदोलन पर डेटे रहे।
संवाद सूत्र, गंगोलीहाट: मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण रविवार को अवकाश के दिन भी आंदोलन पर डटे रहे। ग्रामीणों ने मांग पूरी होने के बाद ही आंदोलन वापस लेने का एलान किया है।
7वें दिन भगत सिंह बिष्ट, दलीप सिंह भंडारी, नीरज सिंह बिष्ट व जेएस बिष्ट क्रमिक अनशन पर बैठे। इस दौरान ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ अनेदखी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने सड़क के अभाव में क्षेत्र की पांच हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक 11 किमी पैदल मार्ग है, जो काफी जोखिमभरा है। इस खतरनाक पैदल मार्ग में अभी तक कई लोगों की खाई में गिरकर मौत भी हो चुकी है। सड़क संघर्ष समिति अध्यक्ष ललित सिंह ने कहा कि यदि इसी तरह से क्षेत्र की जनता की अनदेखी होती रही तो वह आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर समिति उपाध्यक्ष विक्रम सिंह, सचिव पुष्कर सिंह, कोषाध्यक्ष केदार सिंह, गोपाल सिंह, केशर सिंह, राजेंद्र सिंह, दीवान सिंह, जिपं सदस्य कल्याण राम आदि समर्थन में धरने पर बैठे।
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11वें दिन भी नहीं ली गई कोई सुध, बढ़ा आक्रोश
संवाद सूत्र, गंगोलीहाट: दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित पव्वाधार सड़क संघर्ष समिति की 11वें दिन भी कोई सुध नहीं ली गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और अधिक तेज करने की धमकी दी है।
रविवार को अनशन में बैठने से पूर्व ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ अनदेखी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र की जनता द्वारा विगत 20 वर्षों से पव्वाधार-नैनी जागेश्वर मोटर मार्ग की मांग की जा रही, लेकिन इसे लगातार अनदेखा किया जा रहा है। इसी तरह से राइंका पव्वाधार में विज्ञान कक्षाएं संचालित करने की भी मांग की जा रही है। चार माह पूर्व ग्रामीणों द्वारा इन मांगों को लेकर क्रमिक अनशन शुरू किया गया था। जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक व विभागीय अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को तीन माह में मांग पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिस कारण क्षेत्र की जनता खुद को ठगा महसूस कर कर रही है और दोबारा आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर है। 11वें दिन डिगर सिंह, उमेश सिंह, रणजीत राम, दीपक कुमार क्रमिक अनशन पर बैठे। उनके समर्थन में सुरेश चंद्र, नवीन सिंह, सुंदर राम, संजय बिष्ट, मनोज कुमार, संतोष कुमार, सचिन भारती, महिपाल सिंह, सचिन सिंह, गोविंद खाती, जीत सिंह ने धरना दिया।