56 वर्षो में नहीं ली राजकीय इंटर कॉलेज पय्यापौड़ी भवन की सुध, जर्जर भवन में पढ़ाई को मजबूर 300 विद्यार्थी
पिथौरागढ़ के दूरस्थ विद्यालय शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते 56 वर्ष बाद राइंका पय्यापौड़ी स्कूल के जर्जर भवन की सुध नहीं ली।
पिथौरागढ़, जेएनएन : तमाम आवाज उठाने के बाद भी जिले के दूरस्थ विद्यालय शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में नहीं आ पा रहे हैं। धारचूला विकास खंड के दूरस्थ विद्यालय पय्यापौड़ी की हालत इसे साबित भी कर रही है।
वर्ष 1956 में पय्यापौड़ी में जूनियर हाईस्कूल खोला गया था। बाद में इसे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का दर्जा दिया गया। इंटरमीडिएट की कक्षाएं भी जूनियर हाईस्कूल के लिए बने भवन में संचालित हो रही है। 56 वर्षों में विद्यालय भवन जर्जर हाल हो गया है। विद्यालय भवन की छत टपक रही है। दीवारें गिरने के कगार पर हैं। 300 विद्यार्थी इसी भवन में बैठकर पढ़ाई को मजबूर हैं। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रैखोला जिला स्तर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय तक इस समस्या को रख चुके हैं, लेकिन आज तक विद्यालय भवन की हालत में सुधार के लिए कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन की उपेक्षा जारी रही तो विद्यालय में हादसे की की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि मार्च माह तक विद्यालय भवन की हालत सुधारने के लिए पहल नहीं होती है तो क्षेत्र के लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। ======== विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही पय्यापौड़ी विद्यालय भवन में सुधार किया जाएगा।
- अशोक कुमार जुकरिया, मुख्य शिक्षा अधिकारी, पिथौरागढ़