निर्माणाधीन सड़क के मलबे की चपेट में आकर चार बालिकाएं घायल
सड़क निर्माण का मलबा मनमाने ढंग से निस्तारित किए जाने से गुरुवार को चार बालिकाओं की जान पर बन आई।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सड़क निर्माण का मलबा मनमाने ढंग से निस्तारित किए जाने से गुरुवार को चार बालिकाओं की जान पर बन आई। धारचूला तहसील क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क का मलबा गधेरे की ओर फेंक दिए जाने से ये बालिकाएं घायल हो गए। इनमें से गंभीर रू प से घायल दो बालिकाओं को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।
गुरुवार को जुम्मा गांव की आठ से बारह वर्ष की चार बालिकाएं प्रतिज्ञा, दिव्या, गुंजन, दिव्या (द्वितीय) गांव के पास ही स्थित गधेरे में स्थित पेयजल स्रोत से पानी भर रहे थे। इसी दौरान स्रोत के ठीक ऊपर बन रही सड़क से मलबा गधेरे में फेंक दिया गया। चारों बालिकाएं मलबे की चपेट में आकर घायल हो गई। घायल बालिकाओं को ग्रामीण धारचूला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। इनमें प्रतिभा और दिव्या की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जिला चिकित्सालय पहुंची प्रतिज्ञा की हालत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण गंभीर हो गई। ओ नेगेटिव ग्रुप की इस बालिका के लिए तत्काल रक्त नहीं मिल पाया। सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ओझा ने भागदौड़ कर रक्त की व्यवस्था की। रात में ही बालिका को रक्त चढ़ाया गया। गुरुवार को भी जिला चिकित्सालय में भर्ती प्रतिज्ञा और दिव्या की हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्र के ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। सामाजिक कार्यकर्ता कल्याण सिंह धामी और जमन सिंह धामी मामले की जांच कर कार्रवाई और घायल बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। बता दें पर्वतीय क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों का मलबा डंपिंग जोन में निस्तारित किए जाने का मानक बना हुआ है, लेकिन सड़क निर्माण एजेंसियां इस मानक की धज्जियां उड़ा रही हैं। मलबा मनमाने ढंग से गधेरों की और फेंका जा रहा है। इससे गधेरों की ओर स्थित गांव पर खतरा मंडरा रहा है। कृषि योग्य भूमि बर्बाद होने के साथ ही दुर्घटनाएं भी लगातार बढ़ रही है। इस मामले में धारचूला के एसडीएम एके शुक्ला ने कहा है कि मामले की जानकारी जुटाई जा रही है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।