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केदारनाथ के बाद सीमांत क्षेत्र में आई दूसरी सबसे बड़ी आपदा : हरीश रावत

पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बुधवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:30 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:16 AM (IST)
केदारनाथ के बाद सीमांत क्षेत्र में आई दूसरी सबसे बड़ी आपदा : हरीश रावत
केदारनाथ के बाद सीमांत क्षेत्र में आई दूसरी सबसे बड़ी आपदा : हरीश रावत

पिथौरागढ़, जेएनएन : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सीमांत क्षेत्र में विगत दिनों आई भीषण आपदा केदारनाथ के बाद प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी आपदा है। प्रदेश सरकार को इससे सबक लेकर गंभीरता से चिंतन करने की जरू रत है। यहां के ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे।

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आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को विधायक हरीश धामी के तिलढुकरी स्थित आवास में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित धापा गांव में प्रकृति ने काफी कहर बरपाया है। चारों तरफ बर्बादी ही बर्बादी है। यही हाल मोरी, लुम्ती आदि गांवों का भी है। इन गांवों का अस्तित्व नहीं बचा है। अपने जीवनकाल में केदारनाथ त्रासदी के बाद इन क्षेत्रों में ही आपदा का ऐसा भयावह मंजर देखा है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए एक उच्च स्तरीय इंजीनियरों की टीम बनाकर प्लान तैयार करने की आवश्यकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 443 गांव आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं। आपदा पुनर्विस्थापन के मानक काफी पुराने हो चुके हैं। इनको अब बदलने की आवश्यकता है। रावत ने कहा कि आपदाग्रस्त सेरा गांव के 176 प्रभावितों को स्थानीय स्कूल में रखा गया है। जब तक उनका विस्थापन नहीं किया जाता उन्हें कैंप में रहकर बेहतर सुविधाएं दी जानी चाहिए।

=========== बेरोजगारों के लिए उपवास पर बैठेंगे बेरोजगारी के मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में प्रदेश के नौजवानों को रोजगार देने के उद्देश्य से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। तब सरकार ने 18 हजार पदों पर नियुक्ति शुरू की थी, मगर आज नौजवानों की हालत ऐसी है कि एक अभ्यर्थी को 40-40 पदों के लिए आवेदन करना पड़ रहा है। वहीं, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भी भजन-कीर्तन करने के लिए छोड़ दिया गया है। इसके लिए वह शीघ्र प्रदेश सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठेंगे। रावत ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक ब्लॉक पर एक एक्सपर्ट की टीम गठित करने का भी सुझाव दिया। वार्ता में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक हरीश धामी, पूर्व विधायक मयूख महर, पूर्व नपा अध्यक्ष जगत सिंह खाती, भगीरथ भट्ट, खीमराज जोशी, मथुरा दत्त जोशी, मनोज ओझा आदि शामिल थे। ========= कनालीछीना में कांग्रेसियों ने किया स्वागत

आपदा प्रभावित क्षेत्र से लौटने के दौरान कनालीछीना पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रशांत भंडारी के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर भंडारी ने उन्हें क्षेत्र में बारिश से हुई नुकसान की जानकारी दी।


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