अनशनकारी कफलिया का पांच किलो वजन गिरा, अस्पताल में भर्ती होने से किया इन्कार
डीडीहाट को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर चल रहा आमरण अनशन पांचवें दिन भी जारी है।
संवाद सूत्र, डीडीहाट : डीडीहाट को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर चल रहा आमरण अनशन पांचवें रोज भी जारी रहा। पांच दिनों से अनशन पर बैठे एक अनशनकारी की हालत में गिरावट दर्ज की गई है। पांच किलो वजन कम होने पर चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल भर्ती कराने की संस्तुति की है। अनशनकारी ने चिकित्सकों की सलाह को मानने से इन्कार कर दिया।
रामलीला मैदान में चल रहे आमरण अनशन के पांचवें रोज चिकित्सकों ने आमरण अनशनकारी लवी कफलिया और राज्य आंदोनकारी शेर सिंह शाही के स्वास्थ की जांच की। लवी कफलिया का वजन पांच किलो कम दर्ज हुआ। स्वास्थ में गिरावट के बावजूद लवी अनशन में डटे हुए हैं। बीते रोज स्वास्थ में गिरावट पर अनशनकारी दान सिंह देऊपा को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करा दिया था। आंदोलनकारियों ने कहा है कि जब तक डीडीहाट जिला नहीं बनाया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। ======== भाजपाइयों ने आंदोलन से बनाई दूरी डीडीहाट: आमरण अनशन के पांच दिन बीत जाने के बाद भी भाजपा नेता आंदोलन स्थल पर नहीं पहुंचे हैं। बीते रोज प्रदेश के पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल डीडीहाट पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने भी आंदोलनकारियों से कोई बातचीत नहीं की। क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले चुफाल की इस उपेक्षा से आंदोलनकारियों में गहरी नाराजगी है। संगठन का कोई भी पदाधिकारी अब तक धरना स्थल पर नहीं पहुंचा है। ======== 1960 से चली आ रही डीडीहाट जिले की मांग पूरी नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी एक पीढ़ी जिले के इंतजार में गुजर गई है। जिला नहीं बनने से सबसे अधिक नुकसान युवाओं को हो रहा है।
- रवींद्र प्रसाद
========== जिला नहीं बनने से क्षेत्र में न तो उच्च शिक्षा का विकास हो पा रहा है और नहीं तकनीकी शिक्षा का। मजबूर युवा शिक्षा और रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। जिले का गठन शीघ्र किया जाना चाहिए।
-विक्रम सिंह नेगी
======= डीडीहाट जिले की मांग कई दशक पुरानी है। डीडीहाट जिले के सभी मानक पूरे करता है। डीडीहाट के बाद उठी जिलों की मांग पूरी हो चुकी है, लेकिन सीमांत क्षेत्र को उपेक्षित किया गया है। इस उपेक्षा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- नवीन कुमार =========== जिले की मांग को लेकर पूरा क्षेत्र लामबंद है। युवा इस आंदोलन के लिए समर्पित हैं। जरू रत पड़ने पर युवा आमरण अनशन में बैठेंगे। यह मुद्दा युवाओं के भविष्य से जुड़ा है और युवा इसमें अब कोई समझौता नहीं करेंगे।
- सुनील कुमार