पेयजल निगम ने शुरू की मुनस्यारी पेयजल योजना की जांच
घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर विवादों में आई मुनस्यारी पेयजल योजना की विभागीय जांच शुरू हो गई है।
संवाद सूत्र, मुनस्यारी : घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर विवादों में आई मुनस्यारी पेयजल योजना की विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। योजना की प्रशासनिक जांच पहले ही चल रही है। सोमवार को मुनस्यारी पहुंचे विभागीय अधिकारियों ने 16 दिन के भीतर जांच पूरी करने का भरोसा ग्रामीण निगरानी समिति को दिया।
1.74 करोड़ की लागत से बन रही मुनस्यारी पेयजल योजना के टैंक निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने का आरोप क्षेत्रवासियों ने लगाया था। मामला सामने आने के बाद एसडीएम अभय प्रताप सिंह ने निर्माण सामग्री के सैंपल भरवाकर जांच के लिए भेज दिए थे। इधर सोमवार को पेयजल निगम ने भी जांच शुरू कर दी। निगम के अधिशासी अभियंता बीके पाल, एई शिवम द्विवेदी, तहसीलदार अबरार अहमद निर्माण कार्य की जांच के लिए मौके पर पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, ग्रामीण निगरानी समिति के सदस्यों ने मूल स्रोत पर टूटी दीवार और पाइप लाइन के लिए बनाई गई दीवार से उखड़ा सीमेंट अधिकारियों को दिखाया। निगरानी समिति ने अधिकारियों को बताया कि पशुपालन विभाग की जमीन पर बन रहे टैंक में घटिया निर्माण को छिपाने के लिए रातों रात टैंक के ऊपर लेंटर डाल दिया गया। ईई पाल ने कहा कि स्रोत पर हुए कार्य को दोबारा कराया जाएगा। पेयजल लाइनों को गधेरे में नहीं डाला जाएगा। लाइनें दो फिट गहराई में दबाई जाएगी। उन्होंने 16 दिन के भीतर जांच पूरी कर लेने का भरोसा ग्रामीणों को दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में जांच के बाद ही निर्माण सामग्री उपयोग की जाएगी।
इस दौरान नायब तहसीलदार भुवन लाल वर्मा, ग्राम प्रधान मनोज सिंह, केदार सिंह मर्तोलिया, वरिष्ठ अधिवक्ता देब सिंह बोरा, राजेंद्र सिंह दास्पा, बीरू बृजवाल, खुशाल सिंह ज्येष्ठा आदि मौजूद रहे।