पिथौरागढ़ में वनाग्नि को लेकर डीएम ने बुलाई बैठक
पिथौरागढ़ जनपद में फायर सीजन के 52 दिनों के भीतर 326.25 हेक्टेयर जंगल जल चुका है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : जनपद में फायर सीजन के 52 दिनों के भीतर 326.25 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। वनाग्नि की तेजी से बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को बैठक बुलाई। बैठक में वनों की आग पर प्रभावी रोक के लिए कई निर्णय लिए गए।
जिलाधिकारी ने वनों में लग रही आग पर चिंता जताते हुए कहा कि वनाग्नि की घटनाएं समय पर मिलें इसके लिए रेंज स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष अब प्रभारी होंगे। आग लगने की सूचना के बाद कम से कम समय पर रिस्पांस होना चाहिए। आम जनता का सहयोग लेने के लिए उन्होंने ग्राम स्तर के कर्मचारियों की टीम तैयार करने के साथ ही वनों की आग बुझाने वालों को सम्मानित किए जाने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए। उन्होंने कहा कि वनों में आग लगाते पकड़े जाने पर तत्काल एफआइआर दर्ज कराई जाए। प्रत्येक रेंज में एक अधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात करने और उससे प्रतिदिन की रिपोर्ट लेने का फैसला बैठक में हुआ। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी विनय भार्गव, अपर जिलाधिकारी आरडी पालीवाल, जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी, उपजिलाधिकारी तुषार सैनी, पुलिस उपाधीक्षक आरएस रौतेला, उप प्रभागीय वनाधिकारी एचसी पंत मौजूद रहे।
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अगले वर्ष ग्रामीणों को मनरेगा के तहत मिलेगी तैनाती
बैठक में वनों की आग बुझाने को लेकर हुई चर्चा के दौरान मैन पावर की कमी का मामला भी सामने आया। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अगले वर्ष से प्रत्येक गांव में तीन-तीन व्यक्तियों को फायर सीजन के दौरान मनरेगा से तैनाती दी जाए। इसके अलावा जंगलों की घास पर निर्भरता कम करने के लिए पशुपालन विभाग, कृषि विभाग और वन विभाग को मिलकर चारा घास उत्पादन कराए जाने का भी निर्णय बैठक में लिया गया।