आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आपदा प्रबंधन कर्मियों ने भरी हुंकार
पिथौरागढ़ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व परिचालन केंद्रों में लंबे समय से आउटसोर्स कर्मियों ने मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व परिचालन केंद्रों में लंबे समय से आउटसोर्स व पीआरडी से कार्यरत कार्मिकों का विनियिमितिकरण, विभागीय संविदा में समायोजित किए जाने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आपदा प्रबंधन कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कर्मियों ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर 22 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करने की धमकी दी है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र खत्री के नेतृत्व में कर्मियों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान उन्होंने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं परिचालन केंद्र में कार्मिक न्यूनतम मानदेय में वर्षाें से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कार्मिकों द्वारा वर्ष 2010 से अभी तक किसी भी प्रकार का हड़ताल व रोड शो नहीं किया गया है, मगर वर्तमान में महंगाई के इस दौरान आउटसोर्स कार्मिकों के सामने न्यूनतम मानदेय में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो चुका है। जिस कारण कार्मिकों को मजबूरन आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। कार्मिकों ने लंबे समय से सेवाएं दे रहे कार्मिकों का विनियमितिकरण करने, एक ही पद पर कार्य करने वाले विभिन्न माध्यमों से तैनात कार्मिकों में एकरू पता लाने के लिए विभागीय संविदा में समायोजित करने, प्रोत्साहन भत्ता दस हजार देने, पुलिस की भांति एक माह का अतिरिक्त वेतन देने, दुर्घटना व मृत्यु होने पर बीमा राशि 25 लाख व स्वजनों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने समेत समेत आठ सूत्रीय मांगों का शीघ्र निराकरण करने की मांग की। प्रदेश महामंत्री मुंशी चौमवाल ने कहा कि यदि 21 अक्टूबर तक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो समस्त कार्मिक 22 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।