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आपदा काल में पुलिस की दूर संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करें

पुलिस उप महानिरीक्षक दूरसंचार ने पिथौरागढ़ पहुंच कर पुलिस की संचार व्यवस्था का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 09:21 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 09:21 PM (IST)
आपदा काल में पुलिस की दूर संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करें
आपदा काल में पुलिस की दूर संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करें

जासं, पिथौरागढ़ : पुलिस उप महानिरीक्षक दूरसंचार ने पिथौरागढ़ पहुंच कर पुलिस की संचार व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने आगामी आपदा काल के लिए व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए।

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डीआइजी दूरसंचार जगत राम शनिवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस की संचार व्यवस्था का निरीक्षण किया और मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने जनपद नियंत्रण कक्ष, सीसीटीवी कक्ष, डायल 112, पोलनेट केंद्र, पुलिस संचार कर्मशाला का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने संचार शाखा, 112, सीसीटीवी कैमरों में तैनात समस्त कर्मियों का सम्मेलन लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए और उनकी समस्याएं सुनते हुए त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इस मौके पर डीआइजी ने कहा कि आपदा काल निकट है, पुलिस की संचार व्यवस्था चाक चौबंद रहनी आवश्यक है। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक दूरसंचार बसंत बल्लभ तिवारी, निरीक्षक प्रदीप कुमार सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे।

===== बोथी गांव में गंभीर पेयजल संकट, प्राकृतिक जल स्रोतों से प्यास बूझाने को मजबूर ग्रामीण

संवाद सूत्र, मदकोट : गोरीपार क्षेत्र के बोथी गांव में पिछले एक सप्ताह से पेयजल की आपूर्ति ठप है। गांव में पानी नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोतों से अपनी जरूरत पूरी करने को मजबूर हैं। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। बोथी गांव के लिए बनाई गई पेयजल योजना के स्रोत में पानी कम हो जाने से गांव तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले सात दिनों से गांव में पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। जिसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण पूरी तरह प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर हो गए हैं। गांव से दूर स्थित स्त्रोतों से पानी लाने में ग्रामीणों को अपनी दिनचर्या का काफी समय खर्च करना पड़ रहा है। गांव के अधिकांश लोग पशुपालन के जरिए अपनी आजीविका चलाते हैं। पानी की कमी के कारण पशुपालन मुश्किल हो रहा है। शिकायत करने के बाद भी विभाग पेयजल समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने कहा है कि जल्द पेयजल समस्या का समाधान नहीं होने पर वे सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।


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