डीडीहाट वन रेंज में सक्रिय गुलदार को घोषित किया आदमखोर, शिकारी तैनाती को अभी नहीं हुआ फैसला
डीडीहाट वन क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को वन विभाग ने आदमखोर घोषित कर दिया है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: डीडीहाट वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कापड़ीगांव सहित आधा दर्जन गांवों में सक्रिय गुलदार को वन विभाग ने आमदखोर घोषित कर दिया है। गुलदार को मारने के लिए शिकारी की तैनाती को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। क्षेत्र में पिंजड़ों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
क्षेत्र में सक्रिय गुलदार ने दो महिलाओं को अपना शिकार बना लेने के साथ ही एक व्यक्ति को घायल कर दिया था। कापड़ीगांव, मोडी, भद्रिका समेत छह गांवों के लोग गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं। वन विभाग ने गुलदार के हमले की आशंका को देखते हुए इसे आदमखोर घोषित किए जाने का प्रस्ताव मुख्य जीव-जंतु प्रतिपालक को भेजा था। रेंजर दिनेश चंद्र जोशी ने बताया कि इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। शिकारियों की तैनाती को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है। क्षेत्रवासियों ने गुलदार को मार गिराए जाने की मांग फिर दोहराई है। जंगली जानवरों की समस्याओं को लेकर मुखर हुए विधायक चुफाल
पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में गंभीर होती जा रही जंगली जानवरों की समस्या को लेकर डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल मुखर हो गए हैं। उन्होंने इस समस्या को पलायन का कारण बताते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है।
विधायक चुफाल शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। पहाड़ का किसान जंगली सूअरों से परेशान है। सूअर खेती उजाड़ दे रहे हैं। तेंदुओं के हमले भी लगातार बढ़ रहे है। कोविड काल में घर वापस लौटे कई लोगों ने गो पालन, बकरी पालन जैसे व्यवसाय शुरू किए हैं, लेकिन गुलदार जंगलों में चरने के लिए छोड़ी जा रही गाय और बकरियों को अपना निवाला बना ले रहे हैं। इससे इन प्रवासियों को खासा नुकसान हो रहा है। इस समस्या के चलते हुआ रिवर्स पलायन फिर पलायन में बदल सकता है। चीन और नेपाल सीमा से लगे गांवों का खाली होना बेहद चिंताजनक है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने बंदर और सूअरों के लिए बाड़े बनाए जाने के साथ ही गुलदारों के लिए चिड़ियाघर बनाने की जाने की जरू रत बताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।