12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर डटे हैं ग्राम प्रधान
कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को प्रतिमाह ढाई हजार रु पये देने के आदेश वापस करने तथा 29 विभागों को पंचायतों को सौंपने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधानों का धरना सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को प्रतिमाह ढाई हजार रु पये देने के आदेश को वापस लेने, 29 विभागों को पंचायतों को सौंपने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधानों का धरना-प्रदर्शन सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारी प्रधानों ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
सोमवार को विकासखंड मूनाकोट कार्यालय परिसर में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह सौन के नेतृत्व में धरने पर बैठे ग्राम प्रधानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष सौन ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरना-प्रदर्शन करने वालों में फकीर राम, सरोज चंद, अनीता भट्ट, गीता जोशी, उषा देवी, सीमा, दीपा चंद, नीलम, राधा भट्ट आदि ग्राम प्रधान शामिल थे।
उधर पूर्णागिरि ग्राम प्रधान संगठन टनकपुर-बनबसा ने सोमवार को टनकपुर तहसील में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। संगठन ने 12 सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम के माध्यम से डीएम को भेजा।
संगठन ने 15वें वित्त में हो रही कटौती पर शीघ्र रोक लगाकर उसका आवंटन पूर्व की भांति करने, 73वें संविधान संसोधन के प्रावधनों को लागू करते हुए 29 विषयों को शीघ्र ग्राम पंचायतों को स्थातातरित करने, ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढाकर 10 हजार करने और पांच हजार मासिक पेंशन दिये जाने, मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन से बढाकर 200 दिन प्रतिवर्ष करने, ग्राम पंचायतों में पंचायतों के जेई और कंप्यूटर आपरेटर की नियुक्ति करने, ग्राम विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत विभाग का पूर्व की भंाति एकीकरण करने जिससे कम से कम एक ग्राम पंचायत को एक ग्राम विकास अधिकारी और एक ग्राम पंचायत अधिकारी मिल सके, विधायक निधि और सासद निधि को आधार मानते हुए ग्राम पंचायतों के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख बजट की व्यवस्था करने आदि 12 सूत्रीय मागें पूरी करने की माग की है। धरना देने वालों में रवि कुमार, रमिला आर्या, मोहिनी चंद, अनिल प्रसाद, आयशा खातून, दीपा बोहरा, गंगा विश्वकर्मा, दीपक चंद प्रकाश आदि ग्राम प्रधान शामिल थे।