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देवलथल एसबीआइ का सर्वर डाउन, गुस्साए उपभोक्ता बैठे धरने पर

पिथौरागढ़ के देवलथल में मंगलवार को एसबीआइ का सर्वर डाउन हो गया। जिस कारण गुस्साए उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 11:33 PM (IST)
देवलथल एसबीआइ का सर्वर डाउन, गुस्साए उपभोक्ता बैठे धरने पर
देवलथल एसबीआइ का सर्वर डाउन, गुस्साए उपभोक्ता बैठे धरने पर

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: देवलथल एसबीआइ की नेट सेवा में आए दिन बाधा आने से खिन्न खाताधारक मंगलवार को बैंक के बाहर ही धरने पर बैठ गए। खाताधारकों ने शीघ्र व्यवस्था में सुधार नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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रसैपाटा, तूलानी, अलगड़ा, सुरौली, बोक्टा जैसे 10 से 15 किमी. दूर क्षेत्र के लोग बैंकिंग सेवाओं के लिए देवलथल आते हैं। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में खाताधारक बैंक पहुंचे। बैंक पहुंचने पर पता चला कि नेट सेवा खराब है, जिसके चलते बैंक का काम काज नहीं हो पा रहा है। कई घंटे इंतजार करने के बाद भी सेवा में सुधार नहीं हुआ तो खिन्न खाताधारक पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार के नेतृत्व में बैंक के बाहर धरने पर बैठ गए। खाताधारकों ने कहा कि बैंक की इंटरनेट सेवाओं में आए दिन व्यवधान आ रहा है। जिसके चलते दूरदराज से आने वाले खाताधारकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। खाताधारकों ने शीघ्र सेवाओं में सुधार नहीं किए जाने पर बैंक के खिलाफ आंदोलन छेड़ देने की चेतावनी दी।

इधर बैंक प्रबंधन का कहना है कि संचार सेवाओं में बाधा के चलते नेट सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। सेवा में सुधार के लिए उच्चाधिकारियों और संचार कंपनियों को पत्र भेजे गए हैं। =========

शिक्षा प्रेरकों को सरकारी विभागों में समायोजित करने की मांग

चम्पावत : शिक्षा प्रेरक संगठन ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर साक्षर भारत अभियान में कार्य कर चुके प्रेरकों को विभागों में समायोजित करने की मांग की है।

मंगलवार चम्पावत पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को सौंपे ज्ञापन में कहा कि प्रेरकों ने साक्षर भारत कार्यक्रम में वर्ष 2010 से 2017 तक दो हजार रुपये मानदेय में कार्य किया। बाद में राज्य सरकार की की ओर से मासिक मानदेय में एक हजार रुपये की वृद्धि की गई। बाद में केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को 30 सितंबर 2017 के बाद छह माह के लिए बढ़ा दिया, लेकिन राज्य सरकार ने इसे आगे लागू नहीं किया। सरकार ने प्रेरकों से बिना मानदेय के बीएलओ की ड्यूटी भी कराई गई। साक्षरत भारत कार्यक्रम बंद होने के बाद प्रेरक बेरोजगार हो गए हैं। ज्ञापन में प्रेरकों को अवशेष 14 माह का मानदेय देने, वनीकरण कैंपा योजना के तहत 10 हजार पदों पर राज्य के शिक्षा प्रेरकों का समायोजन करने समेत चार सूत्रीय मांगे प्रमुखता से रखी गई हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में संजय चौड़ाकोटी, किरन जोशी, अर्चना लोहनी, गजेंद्र चंद, हंसी देवी, कलावती देवी, सुनील प्रसाद, भागीरथी, दीपेंद्र जोशी आदि के हस्ताक्षर हैं।


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