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लावारिस हाल में तीन करोड़ की लागत से बना गुरना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन

तीन करोड़ की लागत से बना गुरना औद्योगिक प्रशिक्ष संस्थान का भवन लावारिस हाल में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:37 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:49 PM (IST)
लावारिस हाल में तीन करोड़ की लागत से बना गुरना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन
लावारिस हाल में तीन करोड़ की लागत से बना गुरना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) बदहाल स्थिति में पहुंच गए हैं। कई स्थानों पर सरकार ने करोड़ों की धनराशि खर्च कर नए भवन तैयार किए। भवन तैयार हुए तो ग्रामीण संस्थान को जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिए गए। अब ये भवन लावारिस हालत में पड़े है। ऐसे ही संस्थान में शामिल है गुरना आइटीआइ, जो लंबे समय तक किराये के भवन में संचालित होता रहा। भवन नहीं होने के कारण मात्र दो ही ट्रेडों को स्वीकृति मिल पाई थी। क्षेत्र के लोग लंबे समय से आइटीआइ का भवन बनाए जाने और नए ट्रेड स्वीकृत किए जाने की मांग उठाते रहे। शासन ने नए भवन निर्माण की स्वीकृति तो दे दी, लेकिन ट्रेड स्वीकृत नहीं किए। करीब तीन करोड़ की लागत से भवन तैयार हो गया, लेकिन संचालित वेल्डर और मशीनिस्ट ट्रेड में नए प्रवेश सीमित हो गए। क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि भारी रकम खर्च कर बनाए गए भवन में नए ट्रेड संचालित होंगे, लेकिन ये उम्मीद बेमानी साबित हुई। मात्र दो ट्रेड और सीमित प्रवेश के चलते संस्थान को संचालन में बहुत अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ रही थी। इसे देखते हुए गुरना आइटीआइ को अब जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। प्रशिक्षणार्थियों को अब प्रशिक्षण के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं राज्य आंदोलनकारी बसंत भट्ट ने कहा है कि वर्तमान में भवन लावारिस हालत में पड़ा था। देखरेख नहीं हुई तो भवन जीर्ण-शीर्ण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नए भवन बनने के बाद नए ट्रेड स्वीकृत होने चाहिए, ताकि युवा घर पर ही रहकर प्रशिक्षण ले सकें, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने अविलंब नए ट्रेड स्वीकृत कर आइटीआइ गुरना का संचालन किए जाने की मांग की है। ======== गुरना क्षेत्र में संचालित ट्रेड में प्रवेश सीमित थे, जिसके चलते संस्थान के लिए इसका खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा था। प्रशिक्षणार्थियों की ओर से भी उन्हें जिला मुख्यालय में संबद्ध किए जाने की मांग कर रहे थे। इसी को देखते हुए गुरना आइटीआइ के प्रशिक्षणार्थियों को जिला मुख्यालय में संबद्ध किया गया है। भविष्य में प्रवेश बढ़ने पर पुन: संचालन किया जा सकता है।

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- एमसी जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आइटीआइ, पिथौरागढ़


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