नाबार्ड के सहयोग से होगा बिण पोल्ट्री फार्म का कायाकल्प
पिथौरागढ़ का एकमात्र सरकारी पोल्ट्री फार्म जल्द नए रू प में सामने आएगा।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: बूढ़ा हो चुका जिले का एकमात्र सरकारी पोल्ट्री फार्म जल्द नए रू प में सामने आएगा। पशुपालन विभाग ने इसके कायाकल्प की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद विभाग ने तीन करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है।
सीमांत जिले में मुर्गी पालन के जरिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 1962 में जिला मुख्यालय के नजदीक बिण में पोल्ट्री फार्म स्थापित किया गया था। फार्म का उद्देश्य जिले में ही चूजे तैयार कर ग्रामीणों को उपलब्ध करना था। छह दशक तक इस फार्म का कार्य सराहनीय रहा। फार्म के जरिए गांव-गांव तक चूजे उपलब्ध कराए गए। तमाम लोगों को यहां मुर्गी पालन का प्रशिक्षण दिया गया। जिले में सैकड़ों लोग आज मुर्गी पालन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, वर्तमान में फार्म की हालत दयनीय है। मशीनें पुरानी हो चुकी हैं, जिन्हें किसी तरह जुगाड़ कर चलाया जा रहा है। जिले में तेजी से बढ़ रहे मुर्गी पालन व्यवसाय को फार्म पूरी मदद नहीं दे पा रहा है। मुर्गी पालक चूजे बाहरी जनपदों से मंगाने के लिए मजबूर हैं। वर्तमान जरू रतों को देखते हुए इसके आधुनिकीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जनपद भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके आधुनिकीकरण की घोषणा की थी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा था।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने जिले में की गई अपनी घोषणाओं की समीक्षा की तब यह मामला भी उनके सामने आया। उन्होंने अब इस प्रस्ताव को हरी झंडी देते हुए कहा कि इसके लिए नाबार्ड से धनराशि मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद पशुपालन विभाग उत्साहित है। विभाग ने इसके लिए तीन करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है। नए प्रस्ताव के मुताबिक यहां चूजे तैयार करने के लिए नई और आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। मुर्गी पालकों के लिए प्रशिक्षण के इंतजाम किए जाएंगे। प्रशिक्षण लेने वाले मुर्गी पालक प्रशिक्षण अवधि तक फार्म में ही रहेंगे इसके लिए रैन बसेरा भी बनाया जाएगा। फार्म के आधुनिकीकरण के बाद जिले के मुर्गी पालकों को बाहरी जिलों से चूजे मंगाने की जरू रत नहीं पड़ेगी। फार्म से ही जरू रत पूरी हो जाएगी। ========= बिण पोल्ट्री फार्म के आधुनिकीकरण के लिए मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिल गई है। इसका प्रस्ताव नाबार्ड को भेजा जाएगा। फार्म के आधुनिकीकरण के बाद जिले में मुर्गी पालन व्यवसाय गति पकड़ेगा।
- डा.पंकज जोशी, उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पिथौरागढ़