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खाद्यान्न घोटाले में फंसेंगी बड़ी मछलियां : रावत

जेएनएन, गंगोलीहाट : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ध

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jan 2018 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jan 2018 07:14 PM (IST)
खाद्यान्न घोटाले में फंसेंगी बड़ी मछलियां : रावत
खाद्यान्न घोटाले में फंसेंगी बड़ी मछलियां : रावत

जेएनएन, गंगोलीहाट : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध लड़ रही है। प्रदेश में पूर्व में रही सरकार बगदादी लुटेरों से बड़ी लुटेरी थी। अभी खाद्यान्न घोटाले में बड़ी मछलियां जाल में फंसने वाली है। सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सफल रही है।

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यह बात सीएम त्रिवेंद्र रावत ने शनिवार को जीआइसी मैदान में जनसमस्याएं सुनने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि एनएच 74 की जांच जारी है। इसमें अभी कई लोग फंसने वाले हैं। शिक्षा विभाग भी भ्रष्टाचार की जद में है। फर्जी सार्टिफिकेट मामले में कुछ पकड़े गए हैं। संस्थागत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सरकार प्रयासरत है। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। इसके लिए सरकार को जनता का साथ चाहिए।

श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में सुधार सरकार की प्राथमिकता है। दो माह के भीतर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक तैनात हो जाएंगे। मार्च माह तक प्रदेश के सभी जिलों में चार से पांच नए 108 चिकित्सा वाहन मिल जाएंगे। सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने को विद्यालयों की कलबिंग का कार्य चल रहा है। बच्चों का विद्यालय तक पहुंचाने के लिए सरकार विचार कर रही है। अगले साल से कम छात्र संख्या वाले विद्यालय बंद कर एक विद्यालय में समायोजित कर दिया जाएगा।

श्री रावत ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार हुआ है। अब 1000 बालकों में बालिकाओं की संख्या 914 पहुंच गई है। पूर्व में यह 863 थी। उन्होंने कहा कि सस्ते ब्याज दर पर कृषि ऋण मामले में पिथौरागढ़ जिला सबसे पीछे है। अब तक केवल तीन हजार आवेदन मिले हैं। शिक्षकों की कमी को देखते हुए उन्होंने प्राचार्यो, प्रधानाचार्यो को रिक्त पदों पर अस्थाई तौर से योग्य शिक्षित बेरोजगारों को नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। लोक सेवा आयोग से नियुक्ति होने तक यह व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से शिक्षकों की कमी की समस्या से निजात मिल रही है।

इस अवसर पर उन्होंने चार लिफ्ट पेयजल योजनाओं सहित सोलह घोषणाएं की। जिसमें सड़कें शामिल हैं। इससे पूर्व सीएम ने महाकाली मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की। इनके साथ वित्त मंत्री प्रकाश पंत, विधायक मीना गंगोला भी शामिल रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खुद जनता के बीच जाकर समस्याएं सुनीं।

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सीएम ने माला पहने से किया इंकार

गंगोलीहाट: अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी भाजपा कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की देख कर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने माला पहनने से इंकार कर दिया। जीआइसी मैदान में सीएम का माल्यार्पण करने के लिए कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की हो गई। कार्यकर्ताओं की इस अभद्रता से खिन्न सीएम ने कार्यकर्ताओं को हटो कहते हुए माला पहनने से इंकार कर दिया। सीएम द्वारा अपने कार्यकर्ताओं की माला नहीं पहनने को लेकर काफी चर्चा रही।

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अफसर और पत्रकार खड़े रहे

गंगोलीहाट: मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान गंगोलीहाट भाजपा के चुनिंदा नेताओं के अलावा किसी के बैठने की व्यवस्था नहीं थी। आला अधिकारी को कार्यकर्ताओं के धक्के खाने पड़ रहे थे। कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकारों को खड़े रहने की भी जगह नहीं मिल रही थी। यहां तक कि भाजपा, भाजयुमो के मंडल पदाधिकारियों को प्रवेश तक नहीं करने दिया जा रहा था। जिसे लेकर स्वयं भाजपा के नेता लड़ते-झगड़ते नजर आए।

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भाजयुमो मंडल अध्यक्ष ने अपना मांगपत्र फाड़ा

गंगोलीहाट: कार्यक्रम स्थल पर भाजपा नेताओ को तक प्रवेश नहीं मिला। बेरीनाग भाजयुमो मंडल अध्यक्ष एवं छात्रसंघ अध्यक्ष इंद्र सिंह धानिक महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर सीएम से मिलने जाने लगे तो उन्हें जाने से रोक दिया। इसे लेकर उनकी पुलिस और भाजपा नेताओं से बहस हो गई। गुस्साए भाजयुमो अध्यक्ष ने मांग पत्र फाड़ दिया। मंच पर बैठे सीएम, वित्त मंत्री यह सब देखते रहे। भाजपा कार्यकर्ताओं में इस अव्यवस्था को लेकर आक्रोश बना रहा।

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दिव्यांग बब्लू की नहीं ली सुध

गंगोलीहाट: चिटगल गांव के दोनों पैरों से दिव्यांग बब्लू की आस आज भी पूरी नहीं हुई। सात किमी दूर से घिसट-घिसट कर सीएम के कार्यक्रम में पहुंचे। बब्लू मदद की मांग को लेकर कार्यक्रम में पहुंचे। सीएम जब जन समस्याएं सुनने लगे तो दिव्यांग बब्लू तक नहीं पहुंच सके। लाचार बब्लू जीआइसी गेट पर पहुंचा तो वहां पर पुलिस ने उसे हटा दिया। लाचार बब्लू अपनी बेबसी और व्यवस्था की संवेदनहीनता का शिकार बना।


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