बस कागजों में ही चल रहा बेरीनाग का पालीटेक्निक कालेज
बेरीनाग गोविंद भंडारी तीन वर्ष पूर्व खोले गए बेरीनाग पालीटेक्निक कालेज में छात्र संख्या शून्य ह
बेरीनाग, गोविंद भंडारी : तीन वर्ष पूर्व खोले गए बेरीनाग पालीटेक्निक कालेज में छात्र संख्या शून्य हो गई है। संस्थान का संचालन कागजों में ही हो रहा है। दूरस्थ क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी रू प से दक्ष बनाने की मंशा से खोले गए संस्थान पर सरकार की ही उदासीनता भारी पड़ गई।
तीन वर्ष पूर्व बेरीनाग में पालीटेक्निक कालेज खोला गया था। भवन नहीं होने के चलते इसका संचालन जीआइसी बेरीनाग में किया जा रहा है। कालेज के लिए इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिग का एक मात्र ट्रेड स्वीकृत किया गया था। पहले वर्ष दर्जन भर छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया जो अब पासआउट हो चुके हैं। दूसरे वर्ष यहां एक भी प्रवेश नहीं हुआ। स्थानीय लोग नए ट्रेड खोले जाने की मांग कर रहे थे, ताकि संस्थान आगे बढ़ सके। इसके लिए कई बार सरकार से मांग की गई, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दूरस्थ क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षण के लिए जनपद से बाहर ही जाना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सरकार पालीटेक्निक में नए ट्रेड स्वीकृत कर देती तो संस्थान आगे बढ़ता और स्थानीय युवाओं का इसका लाभ मिलता। क्षेत्रवासियों ने एक बार फिर सरकार से पालीटेक्निक कालेज में नए ट्रेड खोले जाने की मांग की है। कालेज के लिए कुल 23 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 14 पद वर्तमान में खाली हैं। करोड़ों की लागत से बना पालीटेक्निक का नया भवन भी अब तक हस्तांतरित नहीं हो पाया है। वर्तमान में इसे जीआइसी के पुराने भवन में संचालित किया जा रहा है। ======= अभी तक पालीटेक्निक का संचालन जीआइसी भवन में हो रहा था, जगह की कमी नए ट्रेडों की स्वीकृति में बाधक बन रही थी, अब नया भवन तैयार हो चुका है। जगह की कमी दूर हो जाने से जल्द ही नए ट्रेडों को स्वीकृति मिल जाएगी।
- विकास गुप्त, प्रभारी प्रधानाचार्य