अठखेत की युवा ग्राम प्रधान प्रवासियों को पढ़ा रही कोविड गाइडलाइन का पाठ
युवा ग्राम प्रधान की सख्ती से अठखेत गांव अभी तक कोरोना मुक्त है।
संवाद सूत्र, थल: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को भांपते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सजग हो गए हैं। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत अठखेत में महानगरों से लौट रहे प्रवासियों को गांव में बिना किसी के संपर्क में आए सख्ती से क्वारंटाइन कराया जा रहा है। इस कार्य में ग्राम प्रधान स्वयं क्वारंटाइन सेंटरों का जायजा लेकर उन पर लगातार नजर बनाए हुए है। ग्राम प्रधान द्वारा ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरू क किया जा रहा है।
करीब आठ सौ की आबादी वाले ग्राम पंचायत अठखेत में अभी तक कोरोना संक्रमण को कोई मामला नहीं आया है, लेकिन ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सजग व सतर्क हैं। ग्रामीणों ने बाहर से आने वाले लोगों से दूरी बना दी है। विगत एक सप्ताह में एक दर्जन से अधिक प्रवासी दिल्ली, हल्द्वानी, ऊधमसिंह नगर, सहारनपुर से अपने गांव वापस लौट चुके हैं, लेकिन उन्हें लोगों व उनके स्वजनों से सीधे मिलने नहीं दिया जा रहा है। युवा ग्राम प्रधान पुष्पा भैंसोड़ा द्वारा प्रवासियों को उनके घर में एक कमरे में अलग से एक सप्ताह तक क्वारंटाइन किया जा रहा है। ग्राम प्रधान पुष्पा द्वारा प्रतिदिन क्वारंटाइन केंद्रों का निरीक्षण कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है। उनके इस कार्य में गांव के पूर्व सैनिक, युवा वर्ग भी सहयोग दे रहे हैं। ग्राम प्रधान द्वारा घर-घर जाकर लोगों से बाहर से आने वाले उनके स्वजनों का विवरण भी मांगा जा रहा है। ====== कई गांवों में प्रवासी क्वारंटाइन किए बगैर सीधे अपने घरों में प्रवेश कर रहे हैं। इससे वह अपने साथ ही स्वजनों व पूरे गांव के लिए संक्रमण का खतरा बने हुए हैं। लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ग्रामीणों को कोरोना के प्रति लगातार जागरू क किया जा रहा है।
-रोहित सिंह, युवा ========== कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद भयावह है। गांव में प्रवासी लौटने लगे हैं। उन्हें घरों में ही अलग से कमरे में क्वारंटाइन किया जा रहा है। प्रत्येक दिन उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सावधानी बरतनी बहुत जरू री है।
- पुष्पा भैंसोड़ा, ग्राम प्रधान अठखेत। ======= कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन का ही मुंह नहीं ताकना चाहिए। लोगों को खुद भी अपने स्तर से इसके लिए प्रयास करने होंगे, तभी इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है। मैंने स्वयं अपनी पुत्री को क्वारंटाइन किया है।
- मुकेश सिंह, पूर्व सैनिक। ========= पहली लहर से ही गांव के लोग कोरोना संक्रमण को लेकर सचेत हैं। घरों व सार्वजनिक स्थलों में नियमित रू प से सैनिटाइज किया जाता है। ग्रामीण अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलते हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्ती बरतनी जरू री है।
- दीपक सिंह भैंसोड़ा, पूर्व ग्राम प्रधान।