कड़ाके की ठंड में पेयजल संकट से जूझ रहे बेलड़ाआगर के ग्रामीण, आक्रोश
संवाद सूत्र बेरीनाग ग्राम पंचायत बेलड़ाआगर के ग्रामीणों को कड़ाके की ठंड में पेयजल संकट
संवाद सूत्र, बेरीनाग: ग्राम पंचायत बेलड़ाआगर के ग्रामीणों को कड़ाके की ठंड में पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जलसंस्थान की पेयजल योजनाओं से पेयजलापूर्ति ठप होने से गुस्साए ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर आक्रोश प्रकट किया। ग्रामीणों ने शीघ्र पेयजलापूर्ति सुचारू नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता नवीन आगरी के नेतृत्व में तहसील कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि बेलड़ाआगर में लंबे समय से जलसंस्थान की पेयजलापूर्ति ठप चल रही है। नलों से पानी की बूंद नहीं टपक रही है। जिस कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण कड़ाके की ठंड में स्थानीय नौले-धारों से पेयजलापूर्ति करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बेलड़ाआगर में घर-घर जल योजना के तहत पेयजल संयोजन भी जोड़े गए हैं, लेकिन उससे भी ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में कई बार जलसंस्थान के अधिकारियों को मौखिक व लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है। इस दौरान ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर संबंधित विभाग को अविलंब पेयजलापूर्ति सुचारू कराने के लिए निर्देशित करने की मांग की। इस मौके पर सुंदर राम, नंदन सिंह, कौशल्या देवी, सुनीता देवी आदि शामिल थे। ======== मंदिर, पेयजल योजना और सार्वजनिक मार्ग ध्वस्त करने का लगाया आरोप
संवाद सूत्र, धारचूला: सीमांत तहसील मुनस्यारी में सड़क निर्माण कार्य करा रही कंपनी पर ग्रामीणों ने अवैध खनन करने के साथ ही हाटिमक्स प्लांट से क्षेत्र के पर्यावरण को प्रदूषित किए जाने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कंपनी की मनमानी बंद नहीं कराए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों ने कहा कि सडक निर्माण के लिए हो रहे खनन से गांव का एक मंदिर, पैदल मार्ग और पेयजल लाइन ध्वस्त हो गई है। ग्रामीणों को आवागमन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में पेयजल का संकट बना हुआ है। ग्रामीणों ने कंपनी के प्रतिनिधियों से वार्ता की तो वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने कहा है कि गांव में हाटमिक्स प्लांट लगाया गया है, 24 घंटे चल रहे इस प्लांट का धुंआ पूरे वातावरण को दूषित कर रहा है। ग्रामीणों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। ग्राम प्रधान राम सिंह ने कहा है कि वे विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन कंपनी को ग्रामीणों की परेशानी को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव की क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का जल्द पुननिर्माण और प्लांट में चिमनियां नहीं लगाई गई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इधर उपजिलाधिकारी बीएस फोनिया ने कहा है कि कंपनी को हाटमिक्स प्लांट में चिमनियां लगाने के लिए निर्देशित किया जाएगा।