एनीमिया से ग्रसित बालिकाओं की नए सिरे से होगी पहचान
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ जिले में एनीमिया (खून की कमी) से ग्रसित बालिकाओं की पहचान नए सिरे
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिले में एनीमिया (खून की कमी) से ग्रसित बालिकाओं की पहचान नए सिरे से की जाएगी। इसकी शुरू आत शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने जीजीआइसी विद्यालय में खुद बालिकाओं के हिमोग्लोबीन स्तर की जांच कर की।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदंडे ने कहा कि एनीमिया से ग्रसित होना गंभीर है, इससे शरीर में तमाम समस्याएं खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि एनीमिया से ग्रसित बालिकाओं का पता लगाने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिले के बिण और मूनाकोट विकास खंड में बालिकाओं के स्वास्थ की जांच की जाएगी। एनीमिया से ग्रसित बालिकाओं को दूसरे चरण में इससे मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बालिकाओं को एनीमिया से बचाव के लिए उपयुक्त पोषण की जानकारी दी। उन्होंने स्वयं दो बालिकाओं के रक्त की जांच की। इसमें एक बालिका में एनीमिया पाया गया। मुख्य विकास अधिकारी वंदना ने किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की जानकारी दी और इस दौरान पोषणयुक्त आहार लिए जाने की जरू रत बताई।
कार्यक्रम में मौजूद नोडल अधिकारी डॉ. ढकरियाल ने बताया कि जिले में पूर्व में हुए सर्वे में 5741 बच्चे एनीमिया से ग्रसित पाए गए थे। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ऊषा गुंज्याल, बाल विकास अधिकारी राधिका ह्यांकी, प्रधानाचार्य नंदा रावत सहित तमाम लोग मौजूद थे। जांच के बाद जिलाधिकारी ने विद्यालय में नवनिर्मित आर्ट गैलरी का शुभारंभ किया। उन्होंने बालिकाओं द्वारा बनाए गए चित्र और पेटिंग की सराहना की और उत्कृष्ट पेटिंग बनाने वाली बालिका को सम्मानित किया।
=========
जिले में बढ़ा लिंगानुपात
पिथौरागढ़: एनीमिया जांच के दौरान जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने एक अच्छी खबर दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिले में लिंगानुपात बेहद कम था। जिसके चलते जिले को देश के दस संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो में किए गए प्रयासों से अब लिंगानुपात सुधार कर 950 पहुंच गया है। उन्होंने लिंगानुपात बढ़ाने में शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।