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हैंडपंप के सहारे नालीधूरा और रू पीइजर के 55 परिवार, दो-दो नदियों के बाद भी नहीं बनी कोई योजना

गंगोलीहाट विकासखंड के दो गांव जल जीवन मिशन जैसी भारी भरकम योजना के बाद भी लोग हैंडपंप से प्यास बूझाने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:51 PM (IST)
हैंडपंप के सहारे नालीधूरा और रू पीइजर के 55 परिवार, दो-दो नदियों के बाद भी नहीं बनी कोई योजना
हैंडपंप के सहारे नालीधूरा और रू पीइजर के 55 परिवार, दो-दो नदियों के बाद भी नहीं बनी कोई योजना

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: गंगोलीहाट विकासखंड के दो गांव जल जीवन मिशन जैसी भारी भरकम योजना के बाद भी हैंडपंप से प्यास बूझाने को मजबूर हैं। वर्षो से पेयजल योजना की मांग कर रहे ग्रामीण कोई सुनवाई नहीं होने से खासे आक्रोश में हैं। ग्रामीणों ने पेयजल योजनाएं नहीं बनाए जाने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

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दोनों गांव उत्तराखंड की बड़ी आबादी को पानी उपलब्ध कराने वाली सरयू और रामगंगा के बीच बसे हुए हैं। आजादी के बाद से आज तक इन गांवों के लिए पेयजल योजना नहीं बनाई गई है। योजना के नाम पर दोनों गांवों में एक-एक हैंडपंप लगाया गया है। नालीधुरा गांव के 20 परिवार और नाली रू पीइजर के 35 परिवार हैंडपंप पर ही निर्भर हैं। ग्रामीणों को हैंडपंप से पानी निकालने और घरों तक पहुंचाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। दिनभर पानी जुटाने में घंटों की मशक्कत करनी पड़ती है। सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कुमार का कहना है कि दोनों गांवों की कई पीढि़यां पेयजल संकट से जूझते हुए चल बसी, लेकिन अभी भी गांवों का पेयजल संकट जनप्रतिनिधियों और जल महकमों की नजर में नहीं आया है। जल जीवन जैसी महत्वाकांक्षी योजना में उन गांवों को शामिल किया गया है, जहां पहले से पेयजल योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा है कि जल्द गांवों के लिए पेयजल योजनाएं नहीं बनाई जाती हैं तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे।

इधर पेयजल निगम का कहना है कि दोनों गांवों को जल जीवन मिशन योजना से जोड़ने की कवायद चल रही है। जल्द ही दोनों गांवों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।


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