43 दिन पूर्व बंद मार्ग बड़े वाहनों के लिए नहीं खुले
संवाद सूत्र नाचनी (पिथौरागढ़) तैंतालीस दिन पूर्व आई आपदा से बंद नाचनी-बांसबगड़ मार्ग के अभी त
संवाद सूत्र, नाचनी (पिथौरागढ़) : तैंतालीस दिन पूर्व आई आपदा से बंद नाचनी-बांसबगड़ मार्ग के अभी तक बड़े वाहनों के लिए नहीं खुलने से बांसबगड़ घाटी के दर्जनों गांव दोहरी मार झेल रहे हैं। गैस सिलेंडर से लेकर अन्य सामान अलग-अलग वाहनों से क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। किराया भाड़ा अधिक लगने से यहां पहुंच रहे गैस सिलेंडर से लेकर अन्य सामान महंगा हो चुका है। आपदा की मार झेल रहे ग्रामीणों को अब महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है।
छह सितंबर की रात्रि को मुनस्यारी विकास खंड के तल्ला जोहार में प्रकृति ने तांडव मचाया था। एक ग्रामीण की मौत हो गई थी, दो महिलाओं को मलबे से जिंदा निकाला गया था। क्षेत्र की सभी सड़कें बंद हो गई थी। पैदल मार्ग ध्वस्त हो गए थे। पुल और आरसीसी पुलिया बह गई थी। ग्रामीण अभी भी पैदल मार्ग नहीं होने से परेशान हैं। ऊपर से बांसबगड़ घाटी को जोड़ने वाली पीएमजीएसवाइ की सड़क कई दिनों तक बंद रही। विभाग ने बारह दिन बाद इस सड़क को छोटे वाहनों के लिए खोला। विगत एक माह से मार्ग बड़े वाहनों के लिए नहीं खुल सका है।
बांसबगड़ घाटी के बांसबगड़ कस्बे तक गैस सिलेंडर लेकर बड़ा ट्रक जाता था। मार्ग नाचनी से तीन किमी दूर और बांसबगड़ृ से 11 किमी पहले हुपुली नामक स्थान तक ही बड़े वाहनों के लिए खुला है। हुपुली के पास गैस सिलेंडर बडे़ ट्रक से उतार कर छोटे वाहनों में डाले जाते हैं। इसमें ढुलान का खर्च उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा खाद्यान्न, सब्जी व अन्य भारी सामान भी इसी तरह बांसबगड़ तक पहुंच रहा है। वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं।
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गरीब ग्रामीण हुपुली आकर गैस सिलेंडर लेकर जाते हैं
बांसबगड़ घाटी में बांसबगड़ छोटा कस्बा है। क्षेत्र में तीन दर्जन गांव हैं। कुछ गांवों की दूरी बांसबगड़ से 15 किमी दूर तक है। गांवों में अधिकांश ग्रामीण गरीब तबके से हैं। गरीबों को घर तक गैस सिलेंडर पहुंचाने में एक हजार रु पये तक खर्च करना पड़ रहा है। क्षेत्र के दुर्याेधन सिंह दशौनी, भरत वर्मा, राजेंद्र सिंह टोलिया,्र नैन सिंह दशौनी ने पीएमजीएसवाइ से शीघ्र बांसबगड़ तक मार्ग खोलने की मांग की है।