22 गांवों में आज से मचेगी चैतोल पर्व की धूम
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ सोर घाटी की धार्मिक परंपरा चैतोल का आज से शुरू होगी। दो दिनों
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सोर घाटी की धार्मिक परंपरा चैतोल का आज से शुरू होगी। दो दिनों तक घाटी के 22 गांवों में चैतोल की धूम रहेगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में चैत्र माह में भाई अपनी बहनों को भिटोली देते हैं। इसी से जुड़ा है चैतोल का पर्व। इस पर्व के पीछे माना जाता है कि भगवान शिव के रू प और सोर घाटी के लोक देवता सेरादेवल घाटी क्षेत्र के 22 अलग-अलग गांवों में स्थापित अपनी बहनों (मां भगवती) को भिटौला देने निकलते हैं। इसकी शुरू आत चतुर्दशी (आज मंगलवार) को होती है। सेरादेवल देवता का डोला चैसर गांव के कोट से प्रारंभ होकर तपस्यूड़ मंदिर में आता है। जहां विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ देव डोला निकलता है। छत्र के साथ निकलने वाली यह यात्रा 22 गांवों का भ्रमण करने के बाद चैतोला का समापन घंटाकरण में होता है, जहां तीन अलग-अलग स्थानों से निकलने वाले देव डोलों का मिलन होता है। इसके बाद ये डोले अपने अपने गांव को वापस लौटते हैं। सोर घाटी के 22 गांवों में चैतोल पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। देवलाल गांव के चौपात में दो देवडोला का मिलन होगा। यहां से देवडोले आगे के गांवों के लिए बढ़ेंगे। पुजारी गोवर्धन देवलाल, दीपक देवलाल, केशव देवलाल, देवेंद्र देवलाल, भुवन देवलाल, मदन देवलाल, सुरेश देवलाल आदि ने बताया कि चैतोल के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आयोजन में भाग लेने के लिए ग्रामीण उत्साहित हैं।