पिथौरागढ़ में 2000 हैंडपंप होंगे रिचार्ज
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: बारिश और हिमपात से खेती को ही फायदा नहीं होगा बल्कि पिथौरागढ़
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: बारिश और हिमपात से खेती को ही फायदा नहीं होगा बल्कि पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में दो हजार हैंडपंपों को भी नया जीवन मिलेगा। मानसून काल के बाद बारिश नहीं होने से लगभग सूखने के कगार पर पहुंच गए हैंडपंप फिर से पानी देने लगे हैं।
जिला मुख्यालय में पेयजल संकट को देखते हुए करीब दो हजार भवन स्वामियों ने अपने निजी हैंडपंप लगवा रखे हैं। भूगर्भीय जल पर निर्भर इन हैंडपंपों के लिए बरसात बेहद जरूरी है। लगातार चार माह तक बारिश नहीं होने की स्थिति में अधिकांश हैंडपंप जवाब देने लगते हैं। ऐसे में लोगों की पेयजल दिक्कत बढ़ने लगती है।
इधर मानसून काल के बाद जनपद में बारिश नहीं हुई थी, जिसके चलते कई हैंडपंप सूखने के कगार पर आ गए थे, लेकिन पिछले दो दिनों में जिला मुख्यालय में हुई अच्छी बारिश से हैंडपंप फिर रिचार्ज हो गए हैं। ऐसे भवन स्वामी अब अप्रैल माह तक पेयजल समस्या के समाधान को लेकर आश्वस्त हैं। टकाना क्षेत्र में रहने वाले जेके जोशी ने बताया कि तेज बारिश होने पर पानी ऊपरी सतह से ही बहकर निकल जाता है, लेकिन धीमी बारिश का पानी जमीन के काफी भीतर तक जाकर लंबे समय तक बना रहता है। हैंडपंप रिचार्ज हो जाने से अब अगले कुछ महीनों तक पानी का संकट काफी हद तक नहीं रहेगा। वन विभाग को भी मिली राहत पिथौरागढ़: अच्छी बारिश और हिमपात से वन विभाग को भी खासी राहत मिली है। शीतकालीन बारिश नहीं होने से जंगलों में नमी का स्तर काफी कम हो गया था। जिससे जंगलों के फायर सीजन(15 फरवरी)से पहले ही आग की चपेट में आने की आशंका थी। वन कर्मी हरीश चंद्र ने बताया कि अब जंगलों में नमी बढ़ गई है, फिलहाल जंगलों के आग की चपेट में आने का खतरा कुछ हद तक कम हो गया है। भूगर्भीय जल और जंगलों के लिए हिमपात और बारिश काफी फायदेमंद होगी। हैंडपंपों के साथ ही अन्य प्राकृतिक जल स्रोत भी रिचार्ज होंगे। जंगलों में आग का खतरा भी कम रहेगा। धीरेंद्र जोशी, भू-वैज्ञानिक पिथौरागढ़