एसआइटी के 20 असिस्टेंट प्रोफेसरों को बिना कारण बताए नौकरी से निकाला
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिग कॉलेज (एसआइटी) में पांच साल से अधिक समय
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिग कॉलेज (एसआइटी) में पांच साल से अधिक समय से तैनात 20 असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इससे ये असिस्टेंट प्रोफेसर बेरोजगार हो गए हैं। हटाए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों ने संस्थान के निदेशक पर अपने चेहतों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है।
नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिग कॉलेज में 40 असिस्टेंट प्रोफेसर कांट्रेक्ट बेस पर रखे गए थे। जिनका हर वर्ष सालाना कांट्रेक्ट बढ़ाया जाता रहा है, मगर इस वर्ष पहली बार बड़ी संख्या में 20 असिस्टेंट प्रोफेसरों का कांट्रेक्ट नहीं बढ़ाया गया है। बगैर कारण बताए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हटाए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों ने संस्थान के निदेशक पर अपने चहेते लोगों को नौकरी पर रखने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि निदेशक द्वारा अपने चहेते 20 असिस्टेंट प्रोफेसरों का ही सालाना कांट्रेक्ट बढ़ाया गया है। उन्हें बगैर पद से हटाए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। हटाए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों में से अधिकांश संस्थान खुलने के समय से अपनी सेवाएं दे रहे थे। कई असिस्टेंट प्रोफेसर विगत पांच साल से अधिक समय से यहां जमे हुए थे। सेवा समाप्त होने से ये बेरोजगार हो गए हैं।
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शासन को संस्थान के 40 असिस्टेंट प्रोफेसरों का कांट्रेक्ट बढ़ाने के लिए सूची भेजी गई थी। शासन द्वारा 20 असिस्ट्रेंट प्रोफेसरों का छह माह के लिए ही कांट्रेक्ट बढ़ाया गया है। जिन्हें उनके सालाना परफॉर्मेस व प्रशासनिक कार्यों को देखते हुए नियुक्ति दी गई है। शेष को गेस्ट फैकल्टी के तौर पर रखने की व्यवस्था की जा रही है।
- अंबरीश शरण विद्यार्थी, एसआइटी निदेशक
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