संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने की जरूरत
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वाधान में दो दिवसीय संस्कृत ज्ञान
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वाधान में दो दिवसीय संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता शुक्रवार को गंगोत्री गब्र्याल राजकीय बालिका इंटर कालेज में शुरू हुई।
प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी गणेश प्रसाद ने कहा कि संस्कृत शुद्ध एवं परिष्कृत होने के साथ-साथ पूर्ण वैज्ञानिक भाषा है। दुनिया में संस्कृत को ही वैज्ञानिक भाषा होने का गर्व हासिल है। खंड संयोजक डॉ. कैलाश चंद्र जोशी ने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया की पहली भाषा संस्कृत ही है। संस्कृत ने ही लिपि के जरिए लिखने की कला दी है। खंड शिक्षाधिकारी गणेश सिंह ज्याला ने प्रतिभागियों को संस्कृत की बारीकियों के साथ प्रदर्शन करने को कहा। अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य नंदा रावत ने संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाए जाने की जरूरत बताई। पहले रोज वरिष्ठ एवं कनिष्ठ वर्ग में संस्कृत समूह नृत्य, नाटक, वाद-विवाद एवं श्लोकोचारण प्रतियोगिता कराई गई। प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में डॉ. गीता पंत, दीपिका कोठारी, सीसी ओझा, सुरेश कर्नाटक, विनोद जोशी, डॉ. पीतांबर अवस्थी, योगेश पंत, रेवती मेहता, दामोदर जोशी, डा. हरीश भट्ट, डॉ. आरपी पाठक, हेम पंत, रजनी पांडे आदि ने सहयोग दिया।