सड़क की मांग को लेकर बेलतड़ी में 150 लोगों ने रखा उपवास
बेलतड़ी सड़क की मांग को लेकर गांधी जयंती पर 150 ग्रामीणों ने उपवास रखा।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: बेलतड़ी सड़क की मांग को लेकर गांधी जयंती पर 150 ग्रामीणों ने उपवास रखा। आंदोलन की उपेक्षा पर ग्रामीणों ने विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया।
बेलतड़ी-अशोक नगर सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना शनिवार को जारी रहा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का नमन करते हुए जानकी भट्ट और ममता भट्ट धरने पर बैठी। उनके समर्थन में पार्वती देवी, यशोदा देवी, जशोदा देवी, हेमा, आनंदी, भागीरथी, तुलसी, सरस्वती, सुनीता, बसंत भट्ट, तारा दत्त भट्ट उपवास पर बैठे। ग्रामीणों ने शीघ्र सड़क नहीं बनाए जाने पर जिला मुख्यालय में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। ======= मड़कनाली में 83वें दिन जारी रहा क्रमिक अनशन संसू, गंगोलीहाट: मड़कनाली- सुरखाल पाठक सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों का क्रमिक अनशन 83 वें दिन भी जारी रहा। शनिवार को ठाकुर बिष्ट और दीवान सिंह क्रमिक अनशन में बैठे। समर्थन में देवेंद्र बिष्ट, गोपाल सिंह, कल्याण राम, हरीश बहादुर, केदार सिंह बिष्ट ने धरना दिया। 83 दिन बीत जाने के बाद भी आंदोलन की कोई सुध नहीं लिए जाने पर ग्रामीणों ने गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि जल्द सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ========= व्यवस्था से निराश ग्रामीण खुद मार्ग में फंसे वाहनों को निकालने को मजबूर
मुनस्यारी : गोरीपार के 12 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला मदकोट-जौलढुंगा मार्ग पिछले चार माह से बंद है। बंद मार्ग में वाहन फंसे हैं। क्षेत्र तक खाद्यान्न एवं आवश्यक सामान तक नहीं पहुंच पा रहा है। जनता मार्ग खोलने की मांग करते करते थक चुकी है। व्यवस्था से खिन्न ग्रामीणों ने अब मार्ग खोलने के लिए स्वयं प्रयास कर दिए हैं।
मदकोट से गोरीपार के लिए जौलढुंगा तक मोटर मार्ग बना है। यह क्षेत्र अति दुर्गम है। क्षेत्र से मदकोट बाजार आने के लिए हर गांव से ढलान है तो मदकोट से जाते समय चार से लेकर 15 किमी की चढ़ाई है। ग्रामीणों का बाजार मदकोट है। मार्ग विगत चार माह से बंद है। जगह -जगह वाहन फंसे हैं। चार माह से क्षेत्र के लिए खाद्यान्न सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो पा रही है। आठ हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। बारिश का वेग कम हो चुका है परंतु मार्ग खोलने के प्रयास नहीं हो रहे हैं।
जिसे देखते हुए अब क्षेत्र के ग्रामीण खुद मार्ग खोलने में जुटे हैं। दलदल बने मार्ग पर विगत चार माह से फंसे वाहनों को निकालने में जुटे हैं। क्षेत्र की जनता में शासन, प्रशासन की उदासीनता पर गहरा आक्रोश जताया है।