सीमांत जिले में 11 सड़कें बंद, कई गांव अलग-थलग
जासं पिथौरागढ़ बीते दिनों की बारिश से बंद ग्यारह मार्ग अभी भी यातायात के लिए बंद हैं। उच्च हि
जासं, पिथौरागढ़: बीते दिनों की बारिश से बंद ग्यारह मार्ग अभी भी यातायात के लिए बंद हैं। उच्च हिमालयी गांवों सहित कई गांवों का संपर्क कटा हुआ है। धारचूला के व्यास घाटी के ग्रामीणों ने बीआरओ से शीघ्र मार्ग खोलने की मांग की है। जिलाधिकारी ने अभी तक सड़कें नहीं खुलने पर नाराजगी जताते हुए सड़क विभागों से शीघ्र मार्ग खोलने को कहा है।
बारिश से जिले में 56 मार्ग बंद हो गए थे। सोमवार सायं तक 45 मार्ग ही खुल सके हैं। ग्यारह मार्गो पर अभी भी यातायात बाधित है। सड़क बंद होने से प्रभावित गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी आनंद स्वरू प ने उपजिलाधिकारियों और लोनिवि अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर प्राथमिकता के साथ बंद मार्गों को खोलने को कहा है। सड़क के साथ बंद पैदल मार्गों को भी खोलने के भी आदेश दिए हैं। बीआरओ को भी मार्ग खोलने को कहा गया है।
डीएम ने प्रत्येक सड़क पर लोडर, पोकलेन मशीन और मजदूर बढ़ा कर मार्ग खोलने को कहा है। संवेदनशील मार्गो पर विशेष ध्यान देने को कहा है। इस मौके पर उन्होंने मुनस्यारी के बुगडियार, रालम और धारचूला के चल और सेला में क्षतिग्रस्त पैदल पुलों व गरारी को तत्काल आवागमन के लिए खोलने के लिए लोनिवि के डीडीहाट और अस्कोट के अधिशासी अभियंताओं को आदेश दिए। सभी उपजिलाधिकारियों को प्रतिदिन सड़कों को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करने को कहा है।
धारचूला: चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट- लिपुलेख मार्ग के 11वें दिन भी बंद रहने से व्यास घाटी के ग्रामीण परेशान हैं। गर्बाधार से आगे राक नामक स्थान पर मार्ग बंद है। छंकनरे नामक स्थान पर कई मीटर सड़क टूट चुकी है। इस स्थान पर पैदल चलना भी मुश्किल हो चुका है। दलदल बनने से ग्रामीण पैदल नहीं चल पा रहे हैं। बूंदी से छियालेख तक सड़क दयनीय हालत में है। उच्च हिमालयी गांवों में पूजा का समय है। पूजा के लिए गए कई लोग फंसे हैं। धारचूला से पूजा के लिए लोग नहीं जा पा रहे हैं। जिसे लेकर ग्रामीणों ने हेलीकॉप्टर सेवा की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि दारमा की तरह ही व्यास में भी हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाए और बीआरओ से शीघ्र मार्ग खोलने की मांग की है।