Move to Jagran APP

पिथौरागढ़ जिले में साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू

ठप पड़ी साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू हो गई हैं। नौल संस्था के सदस्य जौलजीबी से बूम रेंज तक राफ्टिंग करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:00 PM (IST)
पिथौरागढ़ जिले में साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू
पिथौरागढ़ जिले में साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: लंबे समय से ठप पड़ी साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू हो गई हैं। नौल संस्था की 11 सदस्यीय टीम भारत-नेपाल के बीच सीमा बनाने वाली काली नदी में रिवर राफ्टिंग के लिए जिले में पहुंच गई है। टीम पिथौरागढ़ से टनकपुर तक राफ्टिंग करेगी।

prime article banner

बुधवार को पिथौरागढ़ पहुंचने पर कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने टीम के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने काली नदी के बारे में सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी। टीम के सदस्य जौलजीबी से टनकपुर की बूम रेंज तक राफ्टिंग करेंगे। दल के सदस्यों को प्रबंधक गुरुरानी ने हिमालय बचाओ अभियान की शपथ दिलाने के साथ ही कोविड-19 नियमों के बारे में बताया। दल में रवि कुमार, अभिनव कुमार, अभय सिंह, जय डोलवानी, धीरज डोलवानी, हर्षिता बिष्ट, राज बिष्ट, दीपक, एमसिंह मेहरा, ए रस्तोगी आदि शामिल हैं। ======= निगम दिसंबर से शुरू करेगा प्रशिक्षण पिथौरागढ़: कुमाऊं मंडल विकास निगम दिसंबर माह से रिवर राफ्टिंग प्रशिक्षण शुरू करेगा। निगम हर वर्ष शीतकाल में गोरी, काली, सरयू और रामगंगा नदियों में रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण देता है। निगम के साहसिक पर्यटन प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। दिसंबर माह से प्रशिक्षण शुरू हो जाएंगे। प्रशिक्षण में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। =========== रिवर राफ्टिंग के लिए मुफीद है शीतकाल पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ की हिमालय से निकलने वाली नदियां गोरी, काली, सरयू, रामगंगा में अक्टूबर से मार्च तक रिवर राफ्टिंग संभव है। इस समय नदियों में जल स्तर कम होने के साथ ही साथ इनका वेग भी कम रहता है। प्रशिक्षुओं के लिए यह समय बेहद उपयुक्त है। मार्च माह के बाद ग्लेशियर पिघलने शुरू होते हैं और नदियों का जल स्तर बढ़ने लगता है। मार्च से जून तक अच्छे राफ्टर ही राफ्टिंग कर सकते हैं। मानसून काल में उफान पर आने वाली नदियों में राफ्टिंग संभव नहीं होती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.