108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने गर्भवती को स्ट्रेचर पर बांधकर कराया नाला पार
आपदाग्रस्त क्षेत्र की दो गर्भवती महिलाओं को 108 चिकित्सा कर्मियों ने जान जोखिम में डाल नाला पार कराया।
जासं, पिथौरागढ़: आपदाग्रस्त क्षेत्र की दो गर्भवती महिलाओं को 108 चिकित्सा कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा कर अस्पताल पहुंचाया। रात्रि को मार्ग बंद होने पर एक गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर बांध कर नाला पार करा कर अस्पताल तक पहुंचाया।
गुरुवार को मुनस्यारी के तल्ला जोहार क्षेत्र से 108 चिकित्सा सेवा को दो गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने के लिए कॉल आई। इस सूचना पर 108 चिकित्सा वाहन पहुंचा। दोनों महिलाओं को जब 108 चिकित्सा वाहन से लाया जा रहा था तो हरड़िया में मार्ग बंद हो गया। वाहन फंस गया। दोनों गर्भवती महिलाओं की हालत काफी खराब थी और सायं का वक्त था। हरड़िया के पास दूसरी तरफ डीडीहाट की 108 एंबुलेंस बुलाई गई, परंतु महिला को दलदल बने हरड़िया में लगभग पांच सौ मीटर मार्ग पार करना चुनौती बना।
108 कर्मियों ने गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर बांधकर रात के अंधेरे में दूसरी तरफ पहुंचाया। जहां से 108 चिकित्सा वाहन से फिर 75 किमी दूर जिला महिला अस्पताल पिथौरागढ़ पहुंचाया। दूसरा मामला एक नेपाली महिला का था। इसी क्षेत्र में रहने वाली नेपाली महिला की प्रसव वेदना काफी अधिक बढ़ गई। 108 चिकित्सा कर्मी जैसे-तैसे अपनी जान की बाजी लगा कर उसे थल के गोचर अस्पताल तक लाए। अस्पताल की सीढि़यों पर ही महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। कर्मियों ने जच्चा और बच्चा को चिकित्सा कर्मियों को सौंपा। प्रभारी 108 परम पंत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मी रोगियों की जान बचाने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। इधर लोगों ने भी कर्मियों की सराहना की है।