कल से बंद हो जाएंगी खुशियों की सवारी
जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ वर्षों से पहाड़ पर 108 और खुशियों की सवारी की सेवा दे रही जी
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: वर्षों से पहाड़ पर 108 और खुशियों की सवारी की सेवा दे रही जीवीके कंपनी की सेवा मंगलवार को समाप्त हो जाएगी। अब जिले में यह सेवा कम्युनिटी एक्शन मोटिवेशन प्लान कैम्प संभालने जा रही है। 108 चिकित्सा वाहन के अधिकांश कर्मियों द्वारा वाहनों की चाबी दे दी गई है। खुशियां की सवारी के कर्मचारी भी सोमवार को चाबी सौंपने का निर्णय ले चुके हैं। जिससे अकेले पिथौरागढ़ जिले में 56 के आसपास लोगों के बेरोजगार होने के आसार बन चुके हैं। अलबत्त्ता कुछ कर्मचारी नई कंपनी में जा रहे हैं।
प्रदेश में अभी तक जीवीके कंपनी के पास 108 चिकित्सा सेवा थी। बीते दिनों प्रदेश सरकार ने नए टेंडर लगाए। नया टेंडर कम्युनिटी एक्शन मोटिवेशन प्लान यानि कैंप को मिला है। यह कंपनी मध्य प्रदेश की है। एक मई से सेवा का संचालन इसी कंपनी के माध्यम से होना है। जिसके चलते 108 कर्मियों द्वारा चाबी सौंपे जाने का कार्य किया जा रहा है। अधिकांश वाहनों की चाबी सौंप दी गई है। जिसके चलते बीते कुछ दिनों से जिले में 108 चिकित्सा सेवा बंद होने लगी है। जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है।
एक मई से सेवा का संचालन करने वाली कैंप कंपनी एक अधिकारी पिथौरागढ़ पहुंच चुके हैं। जिले में 108 सेवा के प्रभारी रहे प्रमोद भट्ट ने बताया कि रविवार को थल की 108 सेवा की चाबी नई कंपनी को दे दी गई है। अन्य वाहनों को भी सुपुर्द करने की प्रक्रिया जारी है। जीवीके तहत संचालित 108चिकित्सा सेवा में जिले भर में 45 कर्मचारी तैनात थे। जिसमें से अधिकारी स्तर के मात्र दो नई कंपनी में गए हैं। जबकि कर्मचारी स्तर पर कई लोग नई कंपनी में ज्वाइन कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि नई कंपनी एक मई के बाद नए लोगों को ज्वाइनिंग देगी। बताया जा रहा है कि 108 सेवा में कार्य कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के समक्ष नई कंपनी में ज्वाइनिंग का विकल्प रखा गया है। अलबत्त्ता कुछ लोग नई कंपनी में जाने के इच्छुक नहीं हैं।
========= अब कैसे संचालित होगी खुशियों की सवारी
पिथौरागढ़ : नए टेंडर के बाद खुशियों की सवारी के कर्मी भी सोमवार को सरकार को चाबी सौंपने जा रहे हैं। नई व्यवस्था होने तक खुशियों की सवारी सरकारी स्तर पर संचालित होगी। जिले में दस खुशियों की सवारी के वाहन संचालित होते हैं। जिनमें 11 कर्मचारी तैनात हैं। कर्मचारियों द्वारा चाबी सौंपे जाने के बाद सरकार खुशियों की सवारी कैसे संचालित करेगी यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। यदि इसका संचालन भी संस्था या फिर नई कंपनी को दी जाती है या फिर स्वयं सरकार संचालित करती है इसे लेकर बने संशय से कर्मचारी भ्रम की स्थिति में हैं। कर्मचारियों का कहना है कि संचालन किस तरह किया जाता है इस पर नजर बनी है।