यॉकों को निचले स्थानों पर रखें
जागरण संवाददाता, पौड़ी: आयुक्त कार्यालय ने सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक के द्रोणागिरी
जागरण संवाददाता, पौड़ी: आयुक्त कार्यालय ने सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक के द्रोणागिरी गांव में बर्फबॉरी के दौरान यहां मौजूद यॉकों को निचले स्थानों में न रखने पर खासी नाराजगी जताई है। इस संबंध में गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त ने निदेशक पशुपालन को पत्र भेजकर आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कहा कि पूर्व वर्षों में बर्फबारी के दौरान यॉकों को निचले स्थानों में न रखे जाने पर छह यॉकों के भूख से मरने का मामला भी संज्ञान में आया है।
गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त हरक ¨सह रावत की ओर से पशुपालन निदेशालय के निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया कि वर्ष 2014-15 में पशु पालन विभाग ने द्रोणागिरी गांव के बुग्यालों में छोड़े गए यॉकों को अक्टूबर में निचले स्थानों में न लाने पर छह यॉकों की भूख से मृत्यु हो गई थी, जिसका मुख्य कारण द्रोणागिरी गांव से लगभग एक किमी पहले करीब एक किमी स्लाइ¨डग जोन है, जो बर्फ पड़ने के कारण टूट गया था। कहा कि इसमें चार यॉक स्लाइ¨डग जोन तथा दो यॉकों की ग्राम में ही भूख से मृत्यु हुई। अपर आयुक्त का कहना है कि मौजूदा समय में द्रोणागिरी में करीब बीस यॉक बताए जा रहे हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि विगत 25-30 वर्ष पूर्व स्थाई रुप से चरवाहे यॉकों के साथ रहते थे, तब उनकी संख्या में वृद्धि भी हुई थी। कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान चरवाहों ने अवगत कराया कि उन्हें करीब एक वर्ष से मानदेय भी नहीं मिला। इस पर पशुपालन विभाग के रवैये पर उन्होंने खासी नाराजगी जताते हुए कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौजूदा समय में बर्फबारी शुरू हो गई है। ऐसे में यहां मौजूद यॉकों को निचले क्षेत्रों में लाया जाना जरुरी हो जाता है। कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो यह दुर्लभ प्रजाति विलुप्त हो जाएगी।
अपर आयुक्त हरक ¨सह रावत ने पत्र में उच्च हिमालयी क्षेत्रों तथा निचले क्षेत्रों में जहां यॉक रखे जाते हैं वहां तीन माह में एक बार निरीक्षण करने को भी विभाग के जनपदीय अधिकारी को कहा है।