कहीं 'सपना' न बनकर रह जाए सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट, 50 फीसद काम भी नहीं हुआ पूरा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ल्वाली झील का निर्माण कार्य दिसंबर माह तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए थे लेकिन स्थिति यह है कि झील का निमार्ण कार्य अभी 50 फीसद भी पूरा नहीं हुआ है।
पौड़ी, जेएनएन। सरकारी विभाग कार्यों को कितनी गंभीरता से लेते हैं, इसका एक उदाहरण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट ल्वाली झील का निर्माण कार्य है। सीएम ने झील निर्माण कार्य को दिसंबर माह तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति यह है कि झील का निमार्ण कार्य अभी 50 फीसद भी पूरा नहीं हुआ है।
पौड़ी जनपद मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर गगवाडस्यूं घाटी में लच्छीवाला की तर्ज पर ल्वाली झील का निर्माण किया जाना है। करीब सात करोड़ की लागत से 750 मीटर लंबी और 16-22 मीटर चौड़ी झील बनाई जानी है। यहां पांच अलग-अलग गहराई के मल्टी लेवल तालाब बनाए जाने हैं, जिनकी गहराई शून्य से चार मीटर तक होगी। 30 जून 2019 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने झील निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था।
तब मुख्यमंत्री ने जून 2020 तक हर हाल में निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए थे। बाद में यह तिथि बदलकर दिसंबर 2020 कर दी गई थी। पिछले मार्च माह से झील निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जानकारी के मुताबिक अभी तक निर्माण कार्य मात्र 47 फीसद ही हुआ है, जबकि डेडलाइन को मात्र दो माह ही शेष है। बावजूद इसके निर्माण स्थल पर कछु़वा गति से काम किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: सूबे के पर्यटन उद्योग को साथी एप से जोड़ने पर जोर
युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष आशीष नेगी, मोहित सिंह आदि का कहना है कि प्रदेश में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की स्थिति ही दयनीय है तो अन्य विकास कार्यों की क्या उम्मीद की जा सकती है। वहीं, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि दिसंबर माह तक प्रथम चरण का निर्माण पूर्ण किए जाने का हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।