जहरीले धुएं के बीच कैसे हो प्रशिक्षण
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पिछले तीन दिन से ट्रेंचिग ग्राउंड में जल रहा कूड़ा आसपास के लोगों के साथ ही र
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पिछले तीन दिन से ट्रेंचिग ग्राउंड में जल रहा कूड़ा आसपास के लोगों के साथ ही राजकीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने वाले खिलाड़ियों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है। स्थिति यह है कि स्टेडियम में धुएं के गुबार को देख खिलाड़ी निराश लौट रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी स्टेडियम में रहने वाले छात्रों और अधिकारियों को हो रही है।
नियमानुसार स्पोर्ट्स स्टेडियम को धूल-गंदगी से दूर रखा जाता है, लेकिन सरकारी महकमे ने कोटद्वार के गाड़ीघाट में स्थित राजकीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के समीप ही ट्रेंचिग ग्राउंड बना दिया है। गर्मी शुरू होते ही ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़ा कूड़ा जलने लगता है, जिससे आसपास के क्षेत्र में जहरीले धुएं का गुबार बन जाता है। धुएं से न सिर्फ खिलाड़ियों को परेशानी हो रही है, बल्कि प्रशिक्षकों का भी दम फूल रहा है। बावजूद इसके सिस्टम इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। सरकारी सिस्टम की इस लापरवाही से देश-विदेश में नाम कमाने का सपना संजोए खिलाड़ियों का भविष्य धुंधला रहा है।
बेहद खतरनाक है धुआं
कूड़े के जलने से निकलने वाला धुआं मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। इस धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भारी मात्रा में होती है। यह गैस हवा में घुलकर श्वास नली के जरिये शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों के अंदर जम जाती है। कूड़े में पॉलीथिन, कपड़ा व प्लास्टिक का सामान जलने से सल्फाइड व नाइट्रोजन की खतरनाक यौगिक गैस निकलती है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहत खतरनाक है। अगर कूड़े में बायोमेडिकल वेस्ट हो तो स्थिति और खतरनाक हो जाती है। बायो मेडिकल वेस्ट से उठता धुआं जानलेवा साबित हो सकता है।
बीमार हो रहे खिलाड़ी
जहरीले धुएं के कारण स्टेडियम परिसर में रहने वाले खिलाड़ी बीमार होने लगे हैं। अधिकांश खिलाड़ियों को त्वचा रोग, आंखों में जलन, सिरदर्द, सांस में परेशानी हो रही है। परिसर में फैले धुएं के कारण खिलाड़ियों का कमरों के बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड से उठने वाले धुएं के कारण समस्या हो रही है। आग बुझाने के लिए कई बार नगर निगम को पत्र भेज चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। धुएं के कारण खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पा रहे।
जानकी कार्की, उपक्रीड़ा अधिकारी, राजकीय स्पोर्ट्स स्टेडियम।