.. तो अतिक्रमण मुक्त होगी 62 बीघा भूमि
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कोटद्वार क्षेत्र में नगर निगम प्रशासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर फुटपाथ/बरामदे से अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू कर दिया।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कोटद्वार क्षेत्र में नगर निगम प्रशासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर फुटपाथ/बरामदे से अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू कर दिया। एक ओर प्रशासन की कार्रवाई जारी थी, वहीं दूसरी ओर 62 बीघा भूमि पर हुए अतिक्रमण हटाने को लेकर भी आमजन के दिलो-दिमाग पर कई सवाल थे। दरअसल, मोहल्ला लकड़ी पड़ाव में नगर निगम की करीब बासठ बीघा भूमि अतिक्रमण की चपेट में है।
खाम-भाबर के जमाने में यहां मोहल्ला लकड़ी पड़ाव में एक व्यक्ति को करीब 62 बीघा भूमि लीज पर दी गई। बताया जाता है कि उक्त व्यक्ति ने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति यह भूमि विभिन्न व्यक्तियों को विक्रय कर दी। मामला शासन में पहुंचा तो लीज निरस्त हो गई, जिस पर पट्टेदार ने न्यायालय की शरण ली। विभिन्न न्यायालयों में मामला पालिका के पक्ष में रहा, लेकिन पालिका भूमि खाली कराने में नाकामयाब रही। एक ओर न्यायालय में जिरह चलती रही, दूसरी ओर भूमि पर निर्माण कार्य जारी रहे। नगर निगम बना तो भी इस भूमि की सुध नहीं ली गई। बीती 18 नवंबर को उच्च न्यायालय ने नगर निगम को नजूल भूमि के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग में फुटपाथ पर हुए कब्जे हटाने के निर्देश दिए तो आमजन में बासठ बीघा भूमि को लेकर चर्चाएं तेज हो गई। सवाल यह उठा कि क्या नगर निगम इस नजूल भूमि पर हुए अतिक्रमण हटाएगा। हालांकि, नगर निगम की ओर से जल्द ही अतिक्रमित भूमि चिह्नित करने के साथ ही इस भूमि पर हुए कब्जों की सूची तैयार करने की तैयारी की जा रही है।
कौन हैं कब्जेदार
करीब पांच वर्ष पूर्व तक निगम की इस भूमि पर करीब चालीस कब्जेदार थे। इन कब्जेदारों में न सिर्फ नगर निगम से जुड़े व्यक्ति शामिल रहे, बल्कि नगर के कई प्रतिष्ठित भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। कई बाहरी व्यक्तियों ने भी इस भूमि पर कब्जा किया हुआ है। कई कब्जेदारों ने तो अपने कब्जे की भूमि टुकड़े-टुकड़ों में किराए पर भी दे दी है। वर्तमान में इस भूमि में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ ही आवासीय कॉलोनियां भी विकसित हो चुकी हैं।
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उच्च न्यायालय के निर्देश पर बासठ बीघा भूमि के सीमांकन के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी भूमि सीमांकन करने के साथ ही कब्जेदारों की सूची तैयार करेगी। तदुपरांत नियमानुसार कब्जेदारों को कब्जे खाली करने का नोटिस दिया जाएगा। स्वयं कब्जा न छोड़ने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
पीएल शाह, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम