खानापूर्ति बना अभियान, नहीं हटे पोस्टर
आचार संहिता लागू होने के 48 घंटों के भीतर सार्वजनिक स्थानों के साथ ही वाहनों से राजनीतिक पोस्टर-बैनर हटाए जाने चाहिए थे। लेकिन इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई महज खानापूर्ति ही नजर आ रही है।
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: आचार संहिता लागू होने के 48 घंटों के भीतर सार्वजनिक स्थानों के साथ ही वाहनों से राजनीतिक पोस्टर-बैनर हटाए जाने चाहिए थे। लेकिन, इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई महज खानापूर्ति ही नजर आ रही है। हालत यह है कि परिवहन निगम की बसों में जहां सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते पोस्टर नजर आ रहे हैं, वहीं तिपहिया वाहनों में भी राजनीतिक दलों के पोस्टर-बैनर नजर आ रहे हैं।
विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से आठ जनवरी को प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू की गई थी। आचार संहिता लागू होते ही जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने जिले के सभी उच्च अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों से राजनैतिक दलों के पोस्ट-बैनर हटाने के आदेश दिए थे। कोटद्वार नगर निगम व प्रशासन की ओर से भी शहर के सार्वजनिक स्थानों से पोस्टर-बैनर हटाए गए, लेकिन शहर में संचालित होने वाले आटो व परिवहन निगम की बसों पर किसी का भी ध्यान नहीं गया। हालत यह है कि अब भी कई बसों व आटो पर राजनीतिक दलों के नेताओं के पोस्ट लगे हुए हैं। ऐसे में शहर में आदर्श आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। यह है नियम
आदर्श आचार-संहिता लगने के 48 घंटे के भीतर प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों से राजनीतिक दलों के पोस्ट-बैनर हटाने होते हैं। इसके तहत यदि किसी निजी या सार्वजनिक वाहन में राजनीतिक दल के नेता या पार्टी का पोस्ट चस्पा हुआ मिलता है, तो उसे सीज करने का भी प्रावधान है, लेकिन स्थानीय प्रशासन नियमों को लागू करवाने में पूरी तरह विफल नजर आ रहा है।