गांव से उगेगा प्रदेश के विकास का सूरज : जंगली
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: किसी जमाने में खेतों में रसायन डाल पैदावार बढ़ाने वाले सरकारी नुमाइंदे
जागरण संवाददाता, कोटद्वार:
किसी जमाने में खेतों में रसायन डाल पैदावार बढ़ाने वाले सरकारी नुमाइंदे समझ गए हैं कि आज विश्व आर्गेनिक उत्पाद की ओर बढ़ रहा है। नतीजा, वही सरकारी नुमाइंदे रसायनों की बातें भूल आर्गेनिक खेती की बातें करने लगे हैं। ठीक इसी तरह गांवों से मुंह मोड़ने वाली सरकार को जल्द से जल्द प्रदेश के विकास के लिए गांवों को उनके पुराने स्वरूप में ही पुनर्जीवित करना होगा। इन्हीं गांवों से प्रदेश के विकास का सूरज उदय होगा।
दैनिक जागरण से हुई विशेष बातचीत में यह बातें प्रख्यात पर्यावरणविद् जगत ¨सह 'जंगली' ने कही। कोटद्वार में रिश्तेदारी में आयोजित एक विवाह समारोह में शिरकत करने पहुंचे जंगली ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन को आर्थिकी का आधार बनाने की बात तो कर रही है, लेकिन पर्यटन के नाम पर आज भी महज चारधाम यात्रा तक ही सिमटी हुई है। कहा कि सरकार की लचर नीतियों का परिणाम है कि आज गांवों से पलायन जोरों पर है। रोजगार के अभाव में बेरोजगार युवा मैदानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कहा कि जब तक सरकार गांवों को पर्यटन से नहीं जोड़ती, प्रदेश के विकास की कल्पना करना बेमानी है।
इस तरह हो गांवों का विकास
जगत ¨सह जंगली ने बताया कि सरकार को गांवों में होम स्टे योजना शुरू करनी चाहिए, लेकिन इससे पूर्व गांवों को उनके पूर्व स्वरूप में वापस लाना जरूरी होगा। साथ ही गांवों में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देकर गांव को 'आर्गेनिक विलेज' का प्रमाणपत्र देना होगा। गांवों को उनके जंगलों को अधिकार देने के साथ ही उन्हें जंगल लगाने के लिए प्रेरित करना होगा। बेरोजगार युवाओं को उनके गांवों में ही पशुपालन के लिए प्रेरित करना होगा। यदि सरकार ने यह कार्य कर दिए तो गांवों से न सिर्फ पलायन पूरी तरह रुक जाएगा, बल्कि पर्यटन वास्तविक तौर पर प्रदेश में आर्थिकी की रीढ़ बन जाएगा।