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पहाड़ में छाया अंधेरा, औद्योगिक आस्थान भी ठप

ऊर्जा निगम कर्मियों की हड़ताल का असर नजर आने लगा है। कोटद्वार विद्युत वितरण खंड में कर्मियों की हड़ताल के कारण पहले ही दिन जहां उद्योगों को सात करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST)
पहाड़ में छाया अंधेरा, औद्योगिक आस्थान भी ठप
पहाड़ में छाया अंधेरा, औद्योगिक आस्थान भी ठप

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: ऊर्जा निगम कर्मियों की हड़ताल का असर नजर आने लगा है। कोटद्वार विद्युत वितरण खंड में कर्मियों की हड़ताल के कारण पहले ही दिन जहां उद्योगों को सात करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में भी पचास फीसद से अधिक स्थानों पर मंगलवार देर शाम तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही।

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विद्युत कर्मियों की हड़ताल के कारण सिडकुल के सिगड्डी ग्रोथ सेंटर, बलभद्रपुर औद्योगिक आस्थान व बलभद्रपुर औद्योगिक आस्थान क्षेत्रों में मध्य रात्रि से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। कोटद्वार स्टील मेन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कंसल ने बताया कि विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण बलभद्रपुर व जशोधरपुर औद्योगिक आस्थान क्षेत्रों में पचास लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। उधर, सिगड्डी ग्रोथ सेंटर में स्थित कंपनियों को विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण पांच करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। दोपहर बाद जिला उद्योग केंद्र के सिताबपुर औद्योगिक आस्थान की विद्युत आपूर्ति भी ठप हो गई। ग्रोथ सेंटर के क्षेत्रीय प्रबंधक व जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक मृत्युंजय सिंह ने बताया कि विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण उद्योगों में नुकसान होना तय है। लेकिन, कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी नहीं हैं। इधर, विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण लघु उद्योगों को भी भारी नुकसान हुआ है।

सतपुली स्थित 132 केवी विद्युत उपकेंद्र के ब्रेक डाउन होने से एकेश्वर, पोखड़ा, वीरोंखाल, थलीसैण, नैनीडांडा प्रखंडों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। मंगलवार शाम तक इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई थी। कोटद्वार में भी सिद्धबली कंट्रोल रूम और टाउन-टू लाइन में ब्रेक डाउन के कारण मानपुर, शिवपुर, आमपड़ाव, कालाबड़, बद्रीनाथ मार्ग, तहसील, राजकीय बेस चिकित्सालय, कोतवाली में मंगलवार शाम तक विद्युत आपूर्ति ठप थी।

कोविड टीके पर मंडराया खतरा

विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों में रखी गई कोरोना वैक्सीन पर भी खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, स्वास्थ्य महकमे की ओर से तमाम स्वास्थ्य केंद्रों में जनरेटर की व्यवस्था की गई। लेकिन, यदि लंबे समय तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होती तो परेशानी हो जाएगी। दरअसल, पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर जनरेटर संचालित करने के लिए डीजल की भी व्यवस्था नहीं है। नैनीडांडा, वीरोंखाल, पोखड़ा आदि क्षेत्रों में डीजल की व्यवस्था करने के लिए कई किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है।


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