लाचार ग्रामीणों को उपचार कराने में हो रही परेशानी
जागरण संवाददाता कोटद्वार जनपद पौड़ी के साथ ही उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के बड़े हिस्से
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: जनपद पौड़ी के साथ ही उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के बड़े हिस्से की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह कोटद्वार पर निर्भर हैं। कोटद्वार बेस चिकित्सालय में सामान्य दिनों में जहां आठ सौ से अधिक मरीज पहुंचते हैं, वहीं क्षेत्र के निजी क्लीनिकों में भी मरीजों की भरमार लगी रहती है। कोरोना संक्रमण हुआ तो यातायात पर पूरी तरह पाबंदी लग गई है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से उपचार के लिए कोटद्वार पहुंचने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह आ गई है कि पहाड़ छोड़िए, कोटद्वार में ही जीवन रक्षक दवाओं का संकट गहराने लगा है।
प्रतिदिन बड़ी तादाद से पर्वतीय क्षेत्रों से लोग उपचार के लिए कोटद्वार पहुंचते हैं। चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद वे महीने भर की दवा लेकर घर वापस लौट जाते हैं। लॉकडाउन हुआ तो पर्वतीय क्षेत्रों से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। नतीजा, पहाड़ से लोग उपचार के लिए कोटद्वार नहीं आ पा रहे हैं। दवाओं की बात करें तो कोटद्वार में ही जीवन रक्षक दवाओं का संकट होने लगा है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र में जीवन रक्षक दवाएं मिलेंगे, इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है। आलम यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि कोटद्वार जाकर वे दवाएं ले सकें।
कोटद्वार क्षेत्र के कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण अधिकांश कंपनियां दवा नहीं बना रही है। जो कंपनियां दवा बना भी रही है, उनकी दवाएं परिवहन बंद होने के कारण शहर तक नहीं पहुंच पा रही है। बताया कि लॉकडाउन के कारण हार्ट, शुगर व ब्लड प्रेशर के मरीजों को दिक्कतें हो रही है।