बेस की कार्यप्रणाली को लेकर सामाजिक कार्यकत्र्ता लामबंद
जागरण संवाददाता श्रीनगर गढ़वाल बेस अस्पताल और श्रीनगर मेडिकल कालेज की कार्यप्रणाली में सुध
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बेस अस्पताल और श्रीनगर मेडिकल कालेज की कार्यप्रणाली में सुधार लाने, रोगों के इलाज की व्यवस्थाओं की कमियों को दूर करने और जिम्मेदारियों के लिए जवाबदेही निश्चित करवाने को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता संगठन के प्रतिनिधि लामबंद हो गए हैं।
सभी ने संयुक्त रूप से इन मुद्दों को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी शुरू की है, जिसके प्रथम चरण में बेस अस्पताल और मेडिकल कालेज से सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न मुद्दों पर सूचनाएं भी मांगी गई हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन काला और पालिका सभासद विभोर बहुगुणा, हिमांशु बहुगुणा, आरटीआइ एक्टिविस्ट नवीन प्रकाश नौटियाल का कहना है कि व्यवस्थाओं की कमियों को जानने, इलाज को लेकर हो रही लापरवाही को लेकर व्यापक जनहित में आरटीआइ के तहत यह जानकारियां मांगी गई हैं।
पालिका सभासद विभोर बहुगुणा, सामाजिक कार्यकर्ता मोहन काला, आरटीआइ एक्टिविस्ट नवीन प्रकाश नौटियाल की पहल पर देहरादून के रविद्र जुगरान, इंद्रेश मैखुरी, अल्मोड़ा के पीसी तिवारी, रुद्रप्रयाग के सत्यपाल नेगी, श्रीनगर के अनिल स्वामी, डॉ. अरुण कुकशाल, समीर रतूड़ी, नैनीताल की स्निग्धा तिवारी, दिल्ली की चारु तिवारी भी इस अभियान में शामिल हुए हैं। अभियान के प्रथम चरण में श्रीनगर नगरपालिका सभासद विभोर बहुगुणा ने अपनी माता के इलाज में हुई लापरवाही के कारणों की जानकारी आरटीआइ के तहत मांगी है। समाजसेवी मोहन काला ने बेस अस्पताल में पिछले तीन सालों में खरीदे गए चिकित्सा उपकरण, उनकी मरम्मत, अनुपयुक्त उपकरण के साथ ही डॉक्टर, कर्मचारियों की स्थिति, अस्पताल से रेफर किए गए मरीजों की संख्या आदि का विवरण आरटीआइ के तहत मांगा है। स्व. शशि देवी की इलाज के दौरान हुई लापरवाही और उनके कान के कुंडल चोरी होने, मेडिकल कालेज के अस्थायी कर्मियों के स्थायी नहीं होने, कर्मचारियों की पदोन्नति, भविष्य निधि पर नवीन प्रकाश नौटियाल ने और पालिका सभासद हिमांशु बहुगुणा ने मेडिकल कालेज में जनवरी 2010 से समय-समय पर हुई हड़ताल और मांगों तथा कोविड दौर में नवीन नियुक्तियों के बारे में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी है। प्रगतिशील जन मंच के सुरजीत बिष्ट ने भी विभिन्न मुद्दों पर आरटीआइ के तहत सूचना चाही है।