फोटो: पहली गोशाला का संचालन नहीं, दूसरी की तैयारी
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: नगर निगम प्रशासन की हैरानी भरी कार्यशैली प्रकाश में आई है। यहां करीब एक साल
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: नगर निगम प्रशासन की हैरानी भरी कार्यशैली प्रकाश में आई है। यहां करीब एक साल पहले निर्मित अस्थायी गोशाला का संचालन अभी तक नहीं हो पाया है और अब निगम ने एक स्थायी गोधाम निर्माण के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बाकायदा इसके लिए प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया है। शासन से धनराशि मिलने पर इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
शहर में आवारा पशुओं की समस्या से जनता हलकान है। आए दिन इन पशुओं की वजह से दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस समस्या को देखते हुए निगम प्रशासन ने खोह नदी के तट पर काशीरामपुर तल्ला में करीब एक साल पहले एक अस्थायी गोशाला का निर्माण कराया था। इस निर्माण कार्य में करीब 17 लाख रुपये खर्च हुए थे। हालांकि अभी तक इसके संचालन की कवायद परवान नहीं चढ़ पाई है। बार-बार सामाजिक संगठनों की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। यहीं वजह है कि सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। रविवार को भी एक आवारा पशु की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लग गया था।
सूत्रों के अनुसार, अस्थायी गोशाला की जमीन पर ही निगम प्रशासन एक स्थायी गोधाम का निर्माण कराएगा। इसके लिए शासन को करीब 84 लाख रुपये की डीपीआर भेजी गई थी। 79 लाख की डीपीआर स्वीकृत हो गई है। इस गोधाम में नाला निर्माण, चौकीदार के लिए क्वार्टर व चारे का स्टोर भी बनाया जाएगा। गोशाला में करीब 100 पशुओं के रहने की व्यवस्था की जाएगी।
..................
गोशाला संचालन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही गोशाला संचालित की जाएगी। स्थायी गोशाला के लिए प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। धनराशि मिलने पर भी इसका निर्माण शुरू कराया जाएगा। राजेश नैथानी, सहायक नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम
संदेश: 18 कोटपी 3
कोटद्वार के काशीरामपुर तल्ला में खोह नदी के तट पर बनी गोशाला, जिसका अभी तक संचालन शुरू नहीं हो पाया है।