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एक माह के भीतर तैयार करें पर्यावरण योजना की रिपोर्ट

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहल पर प्रदेश में पर्यावरण योजना बनाए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा प्रदेश की पर्यावरण योजना को तैयार करने में जुटा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:58 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:58 PM (IST)
एक माह के भीतर तैयार करें पर्यावरण योजना की रिपोर्ट
एक माह के भीतर तैयार करें पर्यावरण योजना की रिपोर्ट

संवाद सहयोगी, पौड़ी: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहल पर प्रदेश में पर्यावरण योजना बनाए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा प्रदेश की पर्यावरण योजना को तैयार करने में जुटा है। उत्तराखंड की संपूर्ण पर्यावरण योजना एक वर्ष के भीतर तैयार की दी जाएगी। संस्थान की टीम 14 बिदुओं पर योजना तैयार करने में जुटी है। प्रभारी जिलाधिकारी आशीष भट्टगाई ने अधिकारियों को जिला पर्यावरण योजना एक माह के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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मंगलवार को नगर पालिका सभागार पौड़ी में जिला पर्यावरण योजना की कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि उत्तराखंड की पर्यावरण योजना को तैयार किए जाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट, वायु व ध्वनि प्रदूषण का स्तर खनन की स्थिति, प्लास्टिक के उपयोग सहित 14 बिदुओं पर काम किया जा रहा है। जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार किए जाने के बाद प्रदेश स्तर पर समग्र पर्यावरण योजना तैयार की जाएगी। कहा कि प्रदेश की पर्यावरण योजना एक वर्ष के भीतर तैयार हो जाएगी। वैज्ञानिक डॉ. कुनियाल ने कहा कि विलुप्त हो चुके या विलुप्ति की कगार पर खड़े प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिचार्ज किए जाने पर कार्य किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की पहल पर जिले में ध्वनि व वायु प्रदूषण की गुणवत्ता के लिए सर्वे किया जा सकता है। प्रभारी जिलाधिकारी व सीडीओ पौड़ी आशीष भट्टगाई ने कहा कि जिला पर्यावरण योजना के लिए अधिकारी गंभीरता के साथ एक माह में रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि शहर में प्लास्टिक नियंत्रण को लेकर कार्य हो रहे हैं। लेकिन ग्रामीण स्तर पर प्लास्टिक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। कहा कि वायु व ध्वनि प्रदूषण की गुणवत्ता आंकलन के लिए सर्वे किया जाएगा, जिसमें निरंतरता आवश्यक है। उन्होंने कोटद्वार, पौड़ी में सीवरेज सिस्टम नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। एडीएम डॉ. एसके बरनवाल ने कहा कि पर्यावरण योजना को तैयार किए जाने पर हर पहलू पर सटीक आंकड़ों के साथ अधिकारियों को जल्द रिपोर्ट तैयार करनी होगी। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने वैज्ञानिकों से विभिन्न पहलुओं पर सवाल-जवाब भी किया। इस अवसर पर एसडीएम सदर एसएस राणा, एसडीएम लैंसडौन अपर्णा ढौंडियाल, ईओ पौड़ी प्रदीप बिष्ट, एआरटीओ राजेंद्र विराटिया, एसडीओ वन विभाग राजेंद्र सिंह, ईई अभिनव रावत, पर्यटन अधिकारी केएस नेगी, ईडीएम प्रकाश चौहान आदि मौजूद थे।

आज हरिद्वार में आयोजित होगी बैठक

पौड़ी: पर्यावरण योजना तैयार किए जाने के लिए बुधवार को हरिद्वार जिले में तैयारी बैठक ली जाएगी। जबकि इससे पहले उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले में इन बैठकों का आयोजन हो चुका है। वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि बुधवार को हरिद्वार व गुरुवार को देहरादून में बैठक आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अंतिम बैठक 6 नवंबर नैनीताल में संपन्न होगी।


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