वाहनों की भरमार, पार्किंग का इंतजार
जागरण संवाददाता कोटद्वार राज्य गठन के बाद कोटद्वार की सड़कों में वाहनों की तादाद
जागरण संवाददाता, कोटद्वार :
राज्य गठन के बाद कोटद्वार की सड़कों में वाहनों की तादाद लगातार बढ़ रही है। लेकिन, जब बात वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा की होती है तो सरकारी सिस्टम भी बगलें झांकता नजर आता है। आलम यह है कि क्षेत्र में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की कमी यातायात व्यवस्था पर भारी पड़ रही है।
करीब एक दशक पूर्व तक कोटद्वार की सड़कों पर डेढ़-दो हजार दुपहिया वाहन हुआ करते थे, जबकि चौपहिया वाहनों के नाम पर जीएमओयू व रोडवेज की बसें ही सड़कों पर नजर आती थी। वक्त बदला और आज कोटद्वार में वाहनों की संख्या एक लाख के करीब है। प्रतिवर्ष पांच से छह हजार नए वाहनों का पंजीकरण कोटद्वार के उप संभागीय कार्यालय में हो रहा है। वाहनों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन सड़कें जस की तस। नतीजा, सड़कों पर जाम। पार्किंग की बात करें तो क्षेत्र में वाहनों की कहीं कोई पार्किंग नहीं। रोडवेज हो या जीएमओयू, अपनी बसों का संचालन सड़कों से करते हैं। जीप-टैक्सी, थ्री-व्हीलर ने तो क्षेत्र में जगह-जगह स्टैंड भी बनाए हुए हैं। स्थल चयन तक सीमित रहा काम
कोटद्वार क्षेत्र में पार्किंग के लिए 2004-05 में तत्कालीन जिलाधिकारी गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने मोटर नगर का चयन किया। पर्वतीय हो अथवा मैदानी, तमाम क्षेत्रों से आने वाले वाहन मोटर नगर में ही सवारियां उतारते थे। साथ ही तमाम बसों व जीप-टैक्सियों का संचालन भी मोटर नगर से ही होता था। 2010-11 में नगर पालिका ने मोटर नगर में पीपीपी मोड पर बस अड्डा निर्माण के लिए एक निजी निर्माण एजेंसी को काम दे दिया। एक दशक होने को है। लेकिन, आज तक बस अड्डे का निर्माण नहीं हुआ है। पिछले पांच वर्षों में कोटद्वार में पंजीकृत हुए वाहन
वर्ष पंजीकरण
2017 6201
2018 5647
2019 5534
2020 5045
2021 4366
...........................सड़कों पर पार्किंग नियम विरूद्ध है। लेकिन, पार्किंग स्थल न होना बड़ी परेशानी है। पार्किंग से यातायात व्यवस्था में सुधार होना तय है। पुलिस की ओर से व्यवस्था बनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रयास जारी हैं। वैभव कुमार सैनी, पुलिस क्षेत्राधिकारी (यातायात)