श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में शुरू होंगे पीजी डिप्लोमा कोर्स
मेडिकल कालेज श्रीनगर में शिक्षा सत्र 2021 से एमबीबीएस के बाद पीजी डिप्लोमा कोर्स भी शुरू होने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: मेडिकल कालेज श्रीनगर में शिक्षा सत्र 2021 से एमबीबीएस के बाद पीजी डिप्लोमा कोर्स भी शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई ) की ओर से नियुक्त निरीक्षक प्रोफेसर डॉ. रविद्र सिंह बिष्ट ने मेडिकल कालेज और बेस अस्पताल पहुंचकर संबंधित विभागों का पीजी डिप्लोमा शुरू करने को लेकर निरीक्षण किया। डॉ. बिष्ट के अचानक पहुंचने से मेडिकल कालेज और बेस अस्पताल में हड़कंप भी मचा रहा। निरीक्षण रिपोर्ट यदि सकारात्मक रही तो अगले मेडिकल शिक्षा सत्र से श्रीनगर मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया, ईएनटी, बाल रोग, आब्स एंड गायिनी व नेत्र विभाग में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू हो जाएंगे। इससे एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों को दो वर्षीय यह पीजी डिप्लोमा कोर्स करने की सुविधा भी श्रीनगर में मिलने लगेगी।
श्रीनगर मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियुक्त निरीक्षक प्रोफेसर डॉ. रविद्र सिंह बिष्ट ने शनिवार को इन सभी पांचों विभागों का व्यापक निरीक्षण किया। साथ ही विभागाध्यक्षों और फैकल्टियों से विचार विमर्श और विभागों में उपलब्ध सुविधाओं का भी आंकलन किया। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रावत और संबंधित विभागों के अध्यक्ष ने निरीक्षक को आवश्यक जानकारी दी।
अगले शिक्षा सत्र से श्रीनगर मेडिकल कालेज में एनेस्थीसिया में छह, ईएनटी, बाल रोग, नेत्र और आब्स गायिनी में चार-चार पीजी डिप्लोमा सीटें शुरू करने की अनुमति जल्द मिल सकती है। एनबीई के निरीक्षक प्रोफेसर डॉ. रविद्र बिष्ट ने निरीक्षण के दौरान प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रावत और सम्बन्धित विभागाध्यक्षों के साथ सभी विभागों में जाकर विस्तृत जानकारियां प्राप्त कीं। जानकारों का कहना है कि निरीक्षक डॉ. बिष्ट का रुख सकारात्मक भी दिखा। अब वह अपनी रिपोर्ट एनबीई के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे।
उल्लेखनीय है कि दून मेडिकल कालेज में ईएनटी विभाग के अध्यक्ष और दून अस्पताल के उपचिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. रविद्र सिंह बिष्ट इससे पूर्व लगभग 11 साल तक श्रीनगर मेडिकल कालेज में ही बतौर एपी एसोसिएट और प्रोफेसर ईएनटी के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वह ईएनटी मामलों के कुशल सर्जन भी माने जाते हैं।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ऐरोनी और एनेस्थीसिया विभाग की एक फैकल्टी के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने पर काफी नाराज भी दिखे। वह इस बात से व्यथित भी थे कि दोनों फैकल्टियों के बिना अवकाश स्वीकृति के शनिवार को ड्यूटी पर नहीं आने से पीजी डिप्लोमा के निरीक्षण में सीटों की स्वीकृति में भी कमी आ सकती है। यह मेडिकल कालेज के हित में भी नहीं रहेगा। प्राचार्य इस मामले में संबंधित फैकल्टियों से स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई कर सकते हैं।