चार किमी की खड़ी चढ़ाई में दम तोड़ रही उम्मीदें
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पिछले दो दशकों से सड़क की बाट जोह रहे जयहरीखाल ब्लाक के अंतर्गत मलाणा और ग
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पिछले दो दशकों से सड़क की बाट जोह रहे जयहरीखाल ब्लाक के अंतर्गत मलाणा और गुजरखंड के ग्रामीणों का इंतजार फिलहाल खत्म होता नजर नहीं आ रहा। गांव के लिए दो वर्ष पूर्व सड़क तो स्वीकृत हुई। लेकिन, आज तक विभागीय अधिकारी सड़क का सर्वे करने गांव की तरफ नहीं आए। इधर, सड़क के अभाव में गांव तक पहुंचने के लिए चार किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ना ग्रामीणों की नियति बन गई है।
10 मार्च 2021 को जब तीरथ सिंह रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो मलाणा गांव के वाशिदों में गांव के सड़क से जुड़ने की उम्मीद जगी। दरअसल, 2012 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस गांव के ग्रामीणों ने तीरथ सिंह रावत के पक्ष में मतदान कर उन्हें जीत दिलाने में मदद की। तीरथ आए और चले गए, लेकिन ग्रामीणों की आस पूरी न हो पाई। राज्य गठन के दो दशक बाद आज भी ग्रामीण सतपुली-घेरूवा मोटर मार्ग पर घेरूवा बस स्टैंड से खड़ी चढ़ाई चढ़कर अपने गांव पहुंचते हैं। गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा तक नहीं है। नतीजा, एक दशक पूर्व तक जिस मलाणा व गुजरखंड गांवों में सौ से अधिक परिवार हुआ करते थे। अब 30-40 परिवार रह गए हैं। ग्रामीण जनार्दन प्रसाद जुयाल और दिगंबर प्रसाद जुयाल बताते हैं, कई मर्तबा जन प्रतिनिधियों से लेकर सरकारी सिस्टम तक की चौखटें नाप चुके हैं। लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं। बंदर व जंगली जानवर फसल कर रहे बर्बाद
रिखणीखाल : कांडा सहित कई अन्य ग्राम सभाओं में बंदरों के साथ ही जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है। जंगली जानवर व बंदर आबादी क्षेत्र में पहुंचकर ग्रामीणों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग से समस्या के निराकरण की मांग की है। कहा कि पूर्व में शिकायत के बाद भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
कांडानाला, तैड़िया, ज्वाडियूंरौल, दियोड़, भैस्यारौ, बीरोबाड़ी, खदरासी, कर्तिया क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से बंदर व जंगली जानवरों की समस्या बनी हुई है। दिन के समय बंदर व रात के समय जंगली जानवर ग्रामीणों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। ग्रामीण सत्यपाल, मदन मोहन ने बताया कि क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण खेती पर ही निर्भर हैं। ऐसे में फसल बर्बाद होने से उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीण पूरी रात जाकर अपनी फसल की रखवाली करने को मजबूर हो रहे हैं। जंगली सूअरों ने खेतों को खोद डाला है। ग्रामीणों ने वन विभाग से गांव के आसपास सुरक्षा दीवार का निर्माण करवाने की मांग की है। (संसू)