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एक हैंडपंप के भरोसे प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण

जागरण संवाददाता पौड़ी पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के भले ही लाख दा

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:52 AM (IST)
एक हैंडपंप के भरोसे प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण
एक हैंडपंप के भरोसे प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण

जागरण संवाददाता, पौड़ी: पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के भले ही लाख दावे हों लेकिन एक सच यह भी है कि आज भी कई गांव ऐसे हैं जो सुविधाएं तो छोड़, पीने के पानी के लिए जूझ रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं जामलाखाल। इस गांव में पानी की सुविधा न होने से ग्रामीण हैंडपंप के भरोसे प्यास बुझाने के लिए मजूबर हैं। चितनीय पहलू ये कि सब कुछ जानते हुए भी ग्रामीणों की इस समस्या से सभी मुंह फेरे हुए हैं।

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जिला मुख्यालय से करीब दस किमी की दूरी पर स्थित है विकासखंड कोट का जामलाखाल गांव। इस गांव के ग्रामीण लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पेयजल सुविधा के नाम पर गांव के समीप ही एक हैंडपंप लगाया गया है। ग्रामीण जसपाल सिंह बताते हैं कि इसकी धार भी कुम्हलाने लगी है। इस योजना से गांव को पानी मुहैया होता है उसमें अत्यधिक भार होने से इस गांव को दो-तीन दिन बाद ही पानी मिल पाता है। ग्रामीण बताते हैं कि गर्मी के सीजन में पानी की समस्या हर बार परेशानी का सबब बनी रहती है, लेकिन उनकी समस्या को अभी तक नजरअंदाज ही किया जाता रहा है। ग्रामीणों की मानें तो उनके पानी की समस्या से निजात पाने के लिए गांव में अतिरिक्त हैंडपंप लगाए जाने की भी मांग की गई, लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हुआ। इस सब के बीच जो प्राकृतिक स्त्रोत भी है वह भी गांव से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित है। ग्राम प्रधान बबीता देवी के मुताबिक गांव में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। कहा कि एक ही हैंडपंप होने से यहां भी काफी भीड़ लगी रहती है। उन्होंने जल संस्थान से गांव में पानी की सुविधा मुहैया कराने की मांग की है। इधर संपर्क करने पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता का कहना है कि कई स्थानों से हैंडपंप की मांग की गई है। कहा कि इसके लिए स्वीकृति जरूरी है। उन्होंने बताया कि गांव में पेयजल आपूर्ति की दिशा में वे जानकारी जुटा रहे हैं।


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