कवि सम्मेलन में उभरा पलायन का दर्द
पाटीसैण: सामाजिक संस्था तरूछाया के तत्वावधान में आयोजित दो-दिवसीय ग्रामोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्
पाटीसैण: सामाजिक संस्था तरूछाया के तत्वावधान में आयोजित दो-दिवसीय ग्रामोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान आयोजित कवि गोष्ठी में वक्ताओं ने पलायन के दर्द को बयां किया।
ग्राम डोबल में आयोजित ग्रामोत्सव के दौरान संपन्न हुई गढ़वाली कवि गोष्ठी में कवि जयपाल ¨सह रावत उर्फ छिपडू दादा ने 'हे ¨हसोली तेरी मिठास क गाई..', किशना बगोट ने 'दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़ में बस गेनी गढ़वली..' व मुरली दीवान ने भरत मिलाप कविताओं के जरिये पलायन पर तंज कसा। छात्र सगुन रावत ने गांव छोड़कर जा चुके लोगों पर तंज कसते हुए अपनी कविता सुनाई। ग्रामीण महिलाओं ने थड़यिा, चौंफला व खुदेड़ गीतों की प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम संयोजक राजकमल ¨सह रावत ने कहा कि कार्यक्रम का मकसद प्रवासी ग्रामीणों को पहाड़ की संस्कृति से रूबरू कराना था। इस मौके पर सुरेंद्र ¨सह रावत, दिनेश रावत, राजेंद्र ¨सह, धीरज ¨सह, बालम ¨सह, आदि मौजूद रहे। (संसू)