पीएसीएल अभिकत्र्ताओं ने दी कोतवाली में तहरीर
फाइनेंस कंपनी पीएसीएल कंपनी के अभिकत्र्ताओं ने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए कोतवाली में तहरीर दे दी है। तहरीर में कंपनी के चौदह अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: फाइनेंस कंपनी पीएसीएल कंपनी के अभिकत्र्ताओं ने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए कोतवाली में तहरीर दे दी है। तहरीर में कंपनी के चौदह अधिकारियों के नाम शामिल हैं। तहरीर में राजस्थान, दिल्ली, नजीबाबाद व कोटद्वार के कार्यालयों को भी नामजद किया गया है।
गुरुवार को पीएसीएल कंपनी की ठगी का शिकार हुए 17 अभिकत्र्ता कोतवाली पहुंचे व कंपनी अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी। आरोप लगाया कि कंपनी के संस्थापक व अधिकारियों ने उनके साथ आपराधिक षडयंत्र रचा। कंपनी के अधिकारियों ने ही उन्हें जमा राशि को दोगुना करने की स्कीम बताई। यह भी बताया कि पीएसीएल लिमिटेड कंपनी है, जो कि रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय व गृह मंत्रालय के अधीन है। अधिकारियों के झांसे में आकर अभिकत्र्ताओं ने निवेशकों के माध्यम से कंपनी में करोड़ों की धनराशि जमा करवाई। लेकिन, 22 अगस्त 2014 को कंपनी बंद हो गई है, जिससे अभिकत्र्ताओं व निवेशकों का पैसा कंपनी में फंस गया है।
तहरीर में कहा गया कि कंपनी से अपने पैसे की वापसी को लेकर वित्त मंत्रालय, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुका है। पैसा वापसी को लेकर चल रहे आंदोलन में अधिकारी कोई सहयोग नहीं कर रहे है, जिससे अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। अभिकत्र्ताओं ने कंपनी के 14 कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। तहरीर देने वालों में इस मौके पर सुखदेव शास्त्री, गजे सिंह रावत, किरन काला, इंदू देवी, लक्ष्मी बिष्ट, शशि रावत, चंपा राना, रीता रावत, विजय लक्ष्मी आर्य, गजेंद्र सिंह रावत, राघवेंद्र सिंह, संजू देवी, भागीरथी देवी, बलवीर सिंह बिष्ट, कृपाल सिंह नेगी मौजूद थे। कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।