मंदिर के स्ट्रक्चरल सुरक्षा की जिम्मेदारी एएचपीसी कंपनी की होगी
सिद्धपीठ मां धारी देवी के कलियासौड़ में बने नए मंदिर के स्ट्रक्चरल सुरक्षा को लेकर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की निर्माणदायी कंपनी अलकनंदा हाइड्रो पावर कारपोरेशन को जिम्मेदारी लेनी होगी।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : सिद्धपीठ मां धारी देवी के कलियासौड़ में बने नए मंदिर के स्ट्रक्चरल सुरक्षा को लेकर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की निर्माणदायी कंपनी अलकनंदा हाइड्रो पावर कारपोरेशन को जिम्मेदारी लेनी होगी। प्रदेश के स्वास्थ्य और शिक्षामंत्री डा. धन सिंह रावत की ओर से रविवार को बुलाई गई विशेष बैठक में मां धारी देवी पुजारी न्यास समिति के सदस्यों के यह मांग उठाए जाने पर कैबिनेट मंत्री डा. रावत की पहल पर बैठक में उपस्थित कंपनी के प्रतिनिधियों की इस पर सहमति भी मिली। जिस पर कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने उपजिलाधिकारी श्रीनगर को निर्देश देते हुए कहा कि एक हफ्ते के अंदर इस मामले को सुनिश्चित कर लिया जाए। इसके बाद पुजारियों की ओर से नए मंदिर में मां धारी देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तिथि तय कर दी जाए। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय परिवहन नितिन गडकरी भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
मां धारी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मी प्रसाद पांडे और अन्य पुजारियों का कहना था कि नया मंदिर परियोजना की झील पर लगभग 112 मीटर ऊंचाई पर बना है। इसके पिलर और मंदिर के अन्य निर्माण कार्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी को लेनी होगी। नए मंदिर के अन्य अवशेष कार्यों को भी शीघ्र पूरा करने की मांग पुजारियों ने की। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डा. विजय कुमार जोगदंडे, उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह भी इस बैठक में उपस्थित थे। कंपनी के ओर से सारिक, महेश पाठक, पंकज अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
डा. धन सिंह रावत ने बैठक में प्रस्तावित ठंडी सड़क के निर्माण कार्यों को लेकर भी लोनिवि अधिकारियों के साथ ही गढ़वाल केंद्रीय विवि के अधिकारियों से भी वार्ता की। जिस पर गढ़वाल केंद्रीय विवि के भूगर्भ विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. यशपाल सुंद्रियाल ने कहा कि विवि के हैप्रक संस्थान और उसके समीपवर्ती वाला क्षेत्र भारी भूस्खलन जोन में है। जिससे वहां पर किसी प्रकार का कटान आदि करने से शहर के लिए एक बड़ी समस्या भी खड़ी हो जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले पर अब प्रशासन थर्ड पार्टी के रूप में जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के विशेषज्ञों से सर्वे कराकर रिपोर्ट लेने पर विचार कर रहा है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने एनआइटी के समीप पुराने आइटीआइ वाले मैदान में बहुउद्देश्यीय स्टेडियम का निर्माण कार्य करवाने को लेकर डीपीआर शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। सुमाड़ी में एनआइटी स्थायी परिसर के निर्माण को लेकर राज्य सरकार की ओर से बिजली पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए धनराशि संबंधित विभागों को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर किसी भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है। ऐसे सभी अतिक्रमण हटेंगे। कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि पंचपीपल से लेकर स्वीत तक प्रस्तावित मैरीन ड्राइव रोड निर्माण का शिलान्यास केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से करवाया जाएगा। उपजिला अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के आवासों के निर्माण को लेकर छह करोड़ स्वीकृत कर दिए गए हैं। संयुक्त अस्तपाल की पुरानी जगह पर आरवीएनएल पार्क बनाने के साथ ही पार्किंग भी बनाएगा। बैठक में कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आरवीएनएल की ओर से क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारियां लीं। एनआइटी और लोनिवि एनएच के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।
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लोनिवि अभियंताओं को फटकार
विभिन्न गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी को लेकर मिल रही शिकायतों और लापरवाही को लेकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने लोनिवि श्रीनगर के अभियंता को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी अभियंता को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विभिन्न सड़कों को लेकर लोनिवि अभियंताओं के साथ बैठक में जानकारियां लीं।